मानसून

देश का राष्ट्रपति बनने के लिए उम्मीदवार पेश करने वाले एक शख्स ने खुद को “ईश्वर” बताया और लिखा कि अगर उसका नामांकन रद्द हो गया तो देश को भीषण परिणाम भुगतने होंगे।

राष्ट्रपति पद के लिए 95 लोगों में से 93 लोगो का पर्चा रद्द हो गया है। 93 लोगों के पर्चे अलग-अलग कारणों से रद्द हो गए और केवल कोविंद और कुमार का पर्चा ही वैध पाया गया। उम्मीदवारों का नाम संसद भवन के सूचनापट्ट पर नामांकन रद्द की सूची में देखा जा सकता है। 35 लोगों का नामांकन इलेक्टोरल रोल की प्रमाणित प्रति संलग्न न होने के कारण रद्द कर दिया गया। गुरुवार को बाकियों के नामांकन 50 प्रस्तावकों और 50 द्वितीय प्रस्तावकों के नाम होने से निरस्त हो गए। राष्ट्रपति पद की दौड़ में केवल दो उम्मीदवार रामनाथ कोविंद और मीरा कुमार ही बचे रहे गए हैं। रामनाथ कोविंद और मीरा कुमार ने चार-चार सेट पर्चे भरे थे।

राष्ट्रपति चुनाव के लिए 28 जून तक नामांकन किया जा सकता था। नाम वापसी की तारीख एक जुलाई है। राष्ट्रपति चुनाव 17 जुलाई को होगा और नतीजे 20 जुलाई को होंगे।

पानीपत के रहने वाले देवीदयाल अग्रवाल ने खुद को ईश्वर और “सर्वोच्च सत्ता” बताया और अपने नामांकन पत्र में लिखा , “मैं ईश्वर और सर्वोच्च सत्ता हो चुका हूं। रामनाथ कोविंद या मीरा कुमार को राष्ट्रपति नहीं बनना चाहिए। क्या उनके पास जादुई शक्ति है?” अग्रवाल ने ये भी कहा कि 50 विधायकों या सांसदों की प्रस्तावक के रूप में जरूरत नहीं है।

अग्रवाल ने अपने नामांकन पत्र में चेतावनी भी दी थी कि अगर उनकी अपील नहीं सुनी गई तो नई दिल्ली में भयानक भूकंप आएगा। अग्रवाल ने अपना नामांकन में 24 बार लिखा था कि “मैं ईश्वर हूं।” अग्रवाल ने लिखा, “मुझे ही राष्ट्रपति बनना चाहिए। मैं दुनिया का सबसे बड़ा वैज्ञानिक हूं।”

जब अग्रवाल का नामांकन रद्द हो गया तो वो संसद के एक अफसर पर बिफर पड़े और कहा, “मैं श्राप देता हूं कि अनर्थ होगा।”

हरियाणा के जिंद के रहने वाले विनोद कुमार ने अपने प्रस्तावकों में भगत सिंह, विवेकानंद, नेल्सन मंडेला, बीआर अंबेडकर, सुभाष चंद्र बोस, जेएफ केनेडी, रोनाल्ड रीगन, मार्टिन लूथर किंग, अब्राहम लिंकन, अल्बर्ट आइंस्टीन और व्लादिमीर लेनिन का नाम लिखा था। राष्ट्रपति का चुनाव लड़ने की इच्छा रखने वाले एक अन्य शख्स ने टाटा, बिरला, अमिताभ बच्चन और लता मंगेशकर को अपना प्रस्तावक बताया था।