Amethi,Rahul Gandhi Constituency,Swacch Bharat Mission,Nukkad Natak Corruption
राम मिश्रा अमेठी:
राम मिश्रा अमेठी:

अमेठी: एक तरफ देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वच्छ भारत मिशन को लेकर निरन्तर नई घोषणाएं कर रहे हैं और खुले में शौच मुक्त समाज हो इसी मंशा को लेकर सरकार के साथ-साथ पूरा महकमा ही लगा हुआ है जागरूकता अभियान के लिए मेगा स्टार अमिताभ बच्चन तक ने विज्ञापन के माध्यम से प्रचार-प्रसार किया यही नही स्वच्छ भारत अभियान को सफल बनाने के लिए सरकार पानी की तरह पैसा बहा रही है इसी क्रम में नुक्कड़ नाटक के जरिये ग्रामीणों को जागरुक करने के लिए सरकार मोटी रकम खर्च कर रही है लेकिन नुक्कड़ नाटक के लिए आवंटित धन में भी भ्रष्टाचारियो की नजर अब गड़ गई है ।

 

क्या है मामला

उत्तर प्रदेश के अमेठी में इस मिशन के साथ काम कर रही एक संस्था पर भ्रष्टाचार का बड़ा आरोप लग रहा है दरअसल अमेठी के मुसाफिरखाना ब्लॉक में स्वच्छ भारत अभियान(ग्रामीण) में सूचना एवं जन संपर्क विभाग के तत्वाधान में यायावर नुक्कड़ नाटक विंग सोसाइटी लखनऊ के द्वारा नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया जा रहा है जिसके लिए सरकार प्रति कार्यक्रम 5600 रुपये खर्च कर रही है और एक दिन में दो नाटक के आयोजन का प्रावधान है कम से कम 3 घण्टे तक होने वाले इस नुक्कड़ नाटक के दौरान 200 दर्शकों के होने का मानक तय किया गया जिसमें कम से 4-5 कलाकारों का होना अनिवार्य है ज्यादा से ज्यादा दर्शकों तक जागरूकता फैलाने के लिए हूटर-बाजे आदि संगीत यंत्रो का होना लाज़िम है ।

नुक्कड़ नाटक में काम करने वाले कलाकारों का छलका दर्द

अमेठी के मुसाफिरखाना विकासखण्ड में नुक्कड़ नाटक में कार्य कर रहे कलाकारों ने आरोप लगाया कि उन्हें एक दिन में महज चार सौ दिए जाते है जिसमे 100 रुपये डीए के नाम पर काट लिए जाते है कलाकारों का कहना है कि एक दिन में दो कार्यक्रम के लिए 11200 रुपये आवंटित किए जाते है जिसमे से 400 रुपये प्रति कलाकार दिए जाते है । वही क्षेत्रीय लोगो ने आरोप लगाया कि गाँवो में सिर्फ 15 से 20 मिनट का ही नुक्कड़ नाटक का कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा और ध्वनि यंत्रो और संगीत यंत्रो का प्रयोग न होने के कारण ग्रामीणों को सूचना नही मिल पाती जिसके चलते स्वच्छ भारत अभियान का संदेश जन जन नही पहुँच पाता है ।

सबसे बड़ा सवाल-

सरकारी योजनाएं कोई भी हो कुछ भ्रष्टाचारी अधिकारी,कर्मचारी या ठेकेदार उसमें पैसे कमाने का तरीका खोज लेते है आरोप है कि इसी तरह से मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ‘स्वच्छ भारत अभियान’ में पैसे कमाने के लिए भ्रष्टाचारियों ने अनोखा जुगाड़ बना लिया है जिसके चलते समय के साथ भ्रष्टाचारियों के हाथ खुलते गए और परिणाम स्वरुप प्रचार-प्रसार के लिए आए धन को दबाने में जुट गए ।

इनका कहना है

वही जब इस मामले को लेकर एडीओ पंचायत मुसाफिरखाना रामराज से बात की गई तो उन्हें बताया कि इस तरह के आरोप लग रहे है तो हम इस मामले को देखेंगे गलत पाये जाने पर सुधार किया जायेगा