Lunar Eclipse and Pregnancy, Dos and Donts in Pregnancy during eclipse, Chandra Grahan

वर्ष 2018 का पहला ग्रहण 31 जनवरी को खग्रास चंद्रग्रहण है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस दिन माघ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा भी है। जिस चंद्र ग्रहण के दिन पूरे चंद्रमा पर ग्रहण लगता है उसे खग्रास चंद्रग्रहण कहा जाता है। इस दिन कई कार्यों को करना अशुभ माना जाता है, विशेषकर गर्भवती महिलाओं को सावधान रहने की आवश्यकता मानी जाती है। माना जाता है कि जो गर्भवती महिलाएं ग्रहण को देख लेती हैं उनके शिशु को शारीरिक या मानसिक हानि हो सकती है। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार ग्रहण के सूतक काल को शुभ नहीं माना जाता है। गर्भवती महिलाओं को इस दिन घर में रहकर ऊं क्षीरपुत्राय विह्महे अमृत तत्वाय धीमहि तन्नो चंद्र प्रचोदयात् मंत्र का जाप करना चाहिए। इससे ग्रहण का नकारात्मक प्रभाव महिला और शिशु पर नहीं पड़ता है।

– गर्भवती महिलाओं को सूतक के समय घर से बाहर और ग्रहण को नहीं देखना चाहिए। बिना किसी यंत्र के भी ग्रहण दिखाई दे रहा हो तो भी गर्भवती को ग्रहण की तरफ नहीं देखना चाहिए।
– हिंदू मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि ग्रहण के दिन गर्भवती महिलाओं को साड़ी में पिन या बालों में किसी तरह की पिन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, इसे अशुभ माना जाता है।
– गर्भवती महिला को ग्रहण के समय फल या सब्जी काटने से बचना चाहिए। हिंदू मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि फलों या सब्जियों के काटने से गर्भ में पल रहे बच्चे के अंगों को हानि पहुंचती है।
– कई जगहों पर ग्रहण के दिन के लिए मान्यता है कि इस दिन गर्भवती महिलाएं सूतक काल में सोती नहीं हैं।
– गर्भवती महिला को सूतक काल के समय मुंह में तुलसी का पत्ता रखकर मंत्रों का जाप करना चाहिए।
– इस दिन गर्भवती महिलाएं गोपाल स्वामी मंत्रों और सूर्य मंत्रों का जाप करती हैं। इसी के साथ महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना लाभकारी माना जाता है।
– ग्रहण से पहले और उसके बाद स्नान करना गर्भवती महिलाओं के लिए लाभकारी माना जाता है।