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नई दिल्ली: जीएसटी से 5 हजार करोड़ रुपए अतिरिक्त धन जुटाने का सपना देख रही आप सरकार को गहरा झटका लगा है। वित्त वर्ष 2017-18 में जीएसटी व वैट वसूली की फाइनल रिपोर्ट आ गई है। कर वसूली के ट्रेंड में बड़ा बदलाव नजर नहीं आ रहा। इस बार कर वसूली में करीब 12 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है जो विगत कई वर्षों से वैट वसूली में होने वाली वृद्धि की तरह ही है। इसे देखते हुए दिल्ली सरकार के बिक्री एवं कर विभाग ने बाहरी राज्यों से आने और जाने वाले सामानों के लिए इलेक्ट्रॉनिक बिल यानी ई-वे बिल सिस्टम को सख्ती से लागू कराने की रणनीति तैयार की है। बता दें कि एक अप्रैल से ई-वे बिल सिस्टम लागू है, लेकिन इसमें कई तरह की गड़बडिय़ां सामने आई हैं। सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) की वृद्धि दर करीब 14 फीसदी है और इसकी तुलना में कर वसूली में मात्र करीब 12 प्रतिशत की वृद्धि को चिंताजनक बताया जा रहा है।

जीएसटी व वैट से कुल 26,337 करोड़ रुपए प्राप्त हुए 
वित्त वर्ष 2017-18 के 12 महीने में सरकार के खजाने में जीएसटी व वैट से कुल 26,337 करोड़ रुपए प्राप्त हुए हैं। जबकि बिक्री एवं कर विभाग एक जुलाई से जीएसटी लागू होने के बाद 28 से 29 हजार करोड़ रुपए आने की उम्मीद कर रहा था। हालांकि वसूली में गिरावट को देखते हुए विभाग ने संशोधित बजट अनुमान में 27 हजार करोड़ रुपए के लक्ष्य को घटाकर 26 हजार करोड़ रुपए कर दिए थे। फिर भी वित्त एवं योजना विभाग को आखिरी महीनों में चमत्कार होने की उम्मीद थी जो नहीं हो सका। उम्मीद के मुताबिक राजस्व वसूली नहीं होने से सरकार की लोकलुभावन योजनाओं पर विपरीत असर देखने को मिल सकता है। बता दें कि वित्त वर्ष 2016-17 में सरकार को वैट से 23,580 करोड़ रुपए प्राप्त हुए थे। लेकिन जीएसटी लागू होने के बाद 2,757 करोड़ रुपए ही अतिरिक्त प्राप्त हुए हैं। यह कर वसूली में हर साल होने वाले सामान्य वृद्धि की तरह है। ज्ञातव्य है कि पेट्रोल व डीजल पर अब भी वैट लागू है।

ई-वे बिल में अब होगी सख्ती: जीएसटी कमिश्नर 
एक अप्रैल से लागू इलेक्ट्रॉनिक बिल यानी ई-वे बिल सिस्टम को सभी ईमानदारी से अपनाएं, यह बिक्री एवं कर विभाग सुनिश्चित करेगा। बाहर से दिल्ली आने वाले और दिल्ली से बाहर जाने वाले सामानों के लिए ई-वे बिल सिस्टम लागू किया गया है। जीएसटी कमिश्नर एच राजेश प्रसाद ने बताया कि इसे सख्ती से लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ई-वे बिल के बगैर सामानों की आवाजाही होने के मामले में ट्रक और सामान को जब्त कर लिया जाएगा। इसके लिए टीमें बना दी गई हैं जो ऐसे ट्रकों पर नजर रखेंगी। हर ट्रांजैक्शन में ई-वे बिल जरूरी है।