एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मॉडल का नौकरियों पर खतरा बढ़ना अब शुरू हो गया है। हाल ही में चीनी मीडिया और जनसंपर्क कंपनी ने एआई के पक्ष में अपने कॉपीराइटर्स और ग्राफिक डिजाइनरों की जगह एआई की मदद देने का फैसला किया था। और अब इंटरनेशनल बिजनेस मशीन्स (IBM) जैसी बड़ी कंपनी भी इंसानों की जगह एआई को जॉब देने की तैयारी कर रही है। IBM आने वाले समय में करीब 7,800 नौकरियों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से बदल सकती है।

ये है कंपनी का कहना?
ब्लूमबर्ग न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, आईबीएम के सीईओ अरविंद कृष्णा ने खुद मीडिया को यह जानकारी दी है। अरविंद कृष्णा ने बताया कि इंटरनेशनल बिजनेस मशीन्स को उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में लगभग 7,800 नौकरियों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) द्वारा बदला जा सकता है। उनकी टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब पिछले साल नवंबर में माइक्रोसॉफ्ट समर्थित ओपनएआई के वायरल चैटबॉट, चैटजीपीटी के लॉन्च के बाद एआई ने दुनिया भर के लोगों की इमेजिनेशन को आकर्षित किया है।

कंपनी के अनुसार, कटौती में दुर्घटना से खाली हुए पदों को बदलना शामिल नहीं है। पिछले महीने, यह बताया गया था कि यूएस टेक दिग्गजों में निवेशक इस बात की छानबीन करेंगे कि क्या लागत में कटौती और छंटनी से कंपनियों का मुनाफा बढ़ा है। हालांकि, कंपनियों ने इस बात पर जोर दिया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस उनका अगला ग्रोथ ड्राइवर कैसे होगा।

टेक सेक्टर कर रहा छंटनी का सामना

बता दें कि पिछले साल ही कंपनियों में बड़ी मात्रा में छंटनी की है। सिर्फ इतना ही नहीं टेक कंपनियां अभी भी कर्मचारियों की संख्या कर करने पर काम कर रही है। माइक्रोसॉफ्ट, मेटा और अल्फाबेट के साथ अमेजन ने कहा था कि नवंबर और मार्च के बीच वे तेजी से कमजोर होती अर्थव्यवस्था में 70,000 नौकरियों को खत्म कर देंगे।। मेटा ने दो दौर की छंटनी की घोषणा की है। यह कंपनियां अब एआई पर ज्यादा ध्यान केंद्रित कर रही हैं।