lord shiv

सोमवार को भगवान शिव की पूजा करने की परंपरा काफी समय से चली आ रही है। पुरातन काल से ही लोग इस दिन शिव जी की पूजा करते आ रहें हैं। आज हम आपको बताते हैं कि आखिर सोमवार को ही क्‍यों शिव जी की पूजा का विशेष महत्‍व है-

सोमवार को जो व्रत रखा जाता है, उसे सोमश्‍वर कहा जाता है।सोमेश्‍वर के दो प्रकार के अर्थ हैं। पहला अर्थ है चंद्रमा और दूसरा होता है वह देव, जिसे सोमदेव
भी अपना देव मानते हैं यानी शिव जी।

मन जाता है कि चंद्रमा इस दिन भगवान शिव की पूजा करते थे, जिससे उन्‍हें निरोगी काया मिली थी। इसलिए भी सोमवार को भगवान शिव की पूजा की जाती है।
इस दिन भगवान शिव की आराधना का अर्थ है चंद्रदेव को भी प्रसन्‍न करना। सोमवार को भगवान शिव की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

पंडितों का कहना है कि यदि हर सोमवार शिवलिंग पर बेलपत्र अर्पित किया जाए तो व्‍यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
सोम का एक अर्थ सौम्य भी होता है। शिव जी को सभी देवताओं सबसे शांत देवता कहा जाता है। इसलिए भी सोमवार का दिन इनका दिन माना जाता है। सहज और सरल होने के कारण शिव जी को भोलेनाथ भी कहा जाता है।
कुछ लोग यह भी कहते हैं कि सोम में ॐ है और भोलेनाथ को ॐ स्वरूप माना जाता है। इसलिए इन दिन इनकी पूजा करने से विशेष लाभ मिलता है।