नई दिल्ली, 26 अप्रैल 2021

सबसे मुश्किल परीक्षाओं में से एक यूपीएससी (UPSC) की सिविल सेवा एग्जाम (CSE) पास करने वाले अभ्यर्थी आईएएस, आईपीएस और आईएफएस सरीखे बड़े अफसर बनते हैं। अफसर बनने के बाद ज्यादातर लोग अपनी नौकरी तक ही सीमित हो जाते हैं, मगर बहुत कम अफसर ऐसे होते हैं, जो समाज को कुछ ना कुछ वापस लौटाते हैं। ऐसे ही आईएएस अधिकारी हैं सोमेश कुमार उपाध्याय

फ्री में कोचिंग करवाने वाला अफसर

आईएएस सोमेश उपाध्याय वो अफसर हैं, जो यूपीएससी की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों को सोशल मीडिया के जरिए निशुल्क कोचिंग करवा रहे हैं। ये अपनी वेबसाइट, वाट्सएप्प, ट्विटर और टेलीग्राम के माध्यम से सम्पर्क करने वाले युवाओं को अफसर बनाने में उनकी मदद कर रहे हैं। यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा 2016 पास करते ही सोमेश उपाध्याय ने यह पहल शुरू कर दी है, जो आज भी जारी है।

आईएएस सोमेश उपाध्याय का इंटरव्यू

बातचीत में आईएएस सोमेश उपाध्याय ने अपने जीवन संघर्ष, कामयाबी और अब युवाओं को लोक सेवक बनाने की दिशा में उठाए जा रहे कदमों के बारे में विस्तार से बताया। सोमेश उपाध्याय की जिंदगी उन लोगों के लिए मिसाल है, जो मुश्किल हालात के सामने घुटने टेक देते हैं और मेहनत पर भरोसा करने की बजाय घर की कमजोर आर्थिक स्थिति को कोसते हैं

कौन हैं आईएएस सोमेश कुमार उपाध्याय?

32 वर्षीय आईएएस अधिकारी सोमेश कुमार मूलरूप से बिहार के रहने वाले हैं। हालांकि वर्षों पहले इनका परिवार पश्चिम बंगाल जाकर बस गया था। सोमेश का जन्म और शुरुआती शिक्षा कोलकाता से हुई। वर्तमान में सोमेश ओडिसा कैडर के आईएएस हैं। बलांगीर जिले के टिटलागढ़ में बतौर एसडीएम तैनात हैं।

यूपीएससी परीक्षा से पहले पिता का निधन

सोमेश कुमार ने अफसर बनने से पहले न केवल यूपीएससी बल्कि जिंदगी के भी कई इम्तिहान पास किए हैं। सोमेश कुमार के पिता उपेंद्र उपाध्याय का कैंसर की वजह से उस वक्त निधन हुआ जब यूपीएससी परीक्षा में महज महीनाभर बचा था। फिर भी सोमेश ने हिम्मत नहीं हारी। इनके दो बहनें हैं, जिनकी शादी हो चुकी हैं। मां मंजू देवी कम पढ़ी लिखी हैं।

फौजी चाचा बने मददगार

कहते हैं कि आगे बढ़ने का हौसला रखा जाए तो मददगार भी मिल ही जाते हैं। ऐसा ही सोमेश कुमार उपाध्याय के आईएएस बनने के सफर में हुआ। परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी तो आर्मी जवान चाचा विनोद उपाध्याय ने सोमेश की मदद की। इन्होंने दिल्ली व बनारस में रहकर यूपीएससी की तैयारी की। इस दौरान चाचा इन्हें हर माह 10 से 15 हजार रुपए भेजा करते थे।

सोमेश उपाध्याय आईएएस की शिक्षा

सोमेश की प्रारम्भिक शिक्षा कोलकाता के रामकृष्ण मिशन आश्रम से पूरी हुई। पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की दसवीं परीक्षा के टॉपर रहे सोमेश स्कूल-कॉलेज के दिनों में वैज्ञानिक बनने की सोचा करते थे। इसी के चलते विज्ञान संकाय से पढ़ाई की। मुम्बई से पीजी किया। फिर वैज्ञानिक बनने की बजाय प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियों में जुट गए। हर विषय पर इतनी जबरदस्त पकड़ कर ली कि यूपीएससी परीक्षा में भाग्य आजमाने की हिम्मत आ गई।

दूसरे प्रयास में बन गए आईएएस

सोमेश को यूपीएससी परीक्षा के दूसरे प्रयास में सफलता मिली। पहली बार में तो प्रारम्भिक परीक्षा भी पास नहीं कर पाए। दूसरे प्रयास में सिविल सेवा परीक्षा 2016 को 34वीं रैंक से उत्तीर्ण कर आईएएस बन गए। इससे पहले सोमेश का चयन एसएससी सीजीएल, पश्चिम बंगाल लोक सेवा आयोग, जेआरएफ नेट यूजीसी, लोको पायलट आदि परीक्षाओं में भी हुआ।

यूपीएससी पास करते ही बनाई IAS34.Com

अफसर बनने के बाद सोमेश द्वारा समाज को कुछ लौटाने की कहानी 2017 से शुरू होती है। यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2016 पास करने के बाद सोमेश ने सोचा कि वे तो सफल हो गए, मगर इस दौरान उन्हें परीक्षा देने संबंधी जिन दिक्कतों का सामना पड़ा उनसे ना जाने कितने अभ्यर्थी जूझ रहे होंगे। इनकी मदद करने के लिए वेबसाइट IAS34.Com शुरू की। वेबसाइट में खुद की रैंक का भी जिक्र है।

युवाओं की कैसे मदद करते हैं आईएएस सोमेश कुमार ?

आईएएस सोमेश कुमार उपाध्याय कहते हैं कि यूपीएससी की तैयारी करने वाले कई युवाओं के सामने दिक्कत होती हैं कि उन्हें विषय की नॉलेज तो होती है, मगर वे उसे परीक्षा में 150-200 शब्दों में समेट नहीं पाते हैं। इस वजह से उनकी मेहनत पर पानी फिर जाता है। युवाओं की इसी समस्या को दूर करने के मकसद से उन्हें इस बात का मार्गदर्शन करना शुरू किया कि परीक्षा में उन्हें अपने नॉलेज में से क्या लिखना है और क्या छोड़ना है?

स्टडी मटेरियल भी उपलब्ध करवाते हैं

मुख्य परीक्षा में उत्तर लिखने का तरीका बताने के साथ-साथ सोमेश युवाओं को स्टडी मटेरियल भी उपलब्ध करवाते हैं। अपनी वेबसाइट पर अपने नोट्स टाइप करके उपलब्ध करवा रखे हैं। पहले वेबसाइट के जरिए मार्गदर्शन किया करते थे और अब सोमेश ने वाट्सएप्प और टेलीग्राम के माध्यम से भी फ्री में मदद शुरू कर दी। टेलीग्राम पर वन एकेडमी फॉर यूपीएससी नाम से चैनल बना रखा है, जिसे 4 406 युवाओं ने सब्सक्राइब कर रखा है। सोमेश से टेलीग्राम चैनल, वेबसाइट के अलावा ट्विटर @Somesh_IAS पर मैसेज करके भी सम्पर्क किया जा सकता है।

3 युवा अफसर बनने से एक कदम दूर

यूपीएससी की प्रारम्भिक परीक्षा पास करने वाले 7 अभ्यर्थी सोशल मीडिया के जरिए सोमेश कुमार से जुड़े थे। इनसे तीन अभ्यर्थी अफसर बनने से एक कदम दूर हैं। तीनों ने मुख्य परीक्षा पास कर ली। अब साक्षात्कार शेष है। फिलहाल इनको सोमेश साक्षात्कार की तैयारी करवा रहे हैं।

पत्नी डॉ. शुभांगी शुक्ला बनीं कोरोना वॉरियर

जहां सोमेश कुमार आईएएस बनकर लोगों और युवाओं की मदद कर रहे हैं, वहीं इनकी पत्नी डॉ. शुभांगी शुक्ला कोरोना वॉरियर की भूमिका निभा रही हैं। डॉ. शुभांगी शुक्ला उत्तर प्रदेश के लखनऊ की रहने वाली हैं। सोमेश व शुभांगी की शादी अप्रेल 2019 में हुई थी। वर्तमान में डॉ. शुभांगी टीटलागढ़ के ही सरकारी अस्पताल में सेवाएं दे रही हैं। ओपीडी का काम देखती हैं।

मरीजों की सेवा मेरी प्राथमिकता-डॉ. शुभांगी

आईएएस सोमेश कुमार ने अपनी मैरिज एनिवर्सरी के मौके पर ट्विटर हैंडल से पोस्ट शेयर कर बताया कि कोरोना महामारी के दौर में उनकी पत्नी किस कदर मरीजों की सेवा में जुटी हैं। पोस्ट में सोमेश उपाध्याय ने लिखा कि उन्होंने पत्नी को सुझाव दिया था कि कोविड-19 की स्थिति को देखते हुए तुम्हें अस्पताल की ओपीडी ड्यूटी से ब्रेक लेना चाहिए। जवाब मिला कि ‘इस मुश्किल वक्त में उसकी सेवा की सबसे अधिक जरूरत है। ब्रेक नहीं ले सकती’