सचिन रमेश तेंदुलकर

क्रिकेट के भगवान मास्टर-ब्लास्टर सचिन रमेश  तेंदुलकर का आज 44वां जन्मदिन है। क्रिकेट में लगभग 34,347 रन बनाने वाले सचिन का जन्म मुंबई में 24 अप्रैल, 1973 को एक मराठी परिवार में हुआ था। सचिन अपने घर में सबसे छोटे थे।

टीम इंडिया के स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने सचिन को ट्विटर पर बधाई देते हुए लिखा, ’24 अप्रैल को भारतीय क्रिकेट दिवस के तौर पर मनाना चाहिए। मैं लकी हूं कि मुझे उनके साथ खेलने का मौका मिला।’

भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने भी सचिन रमेश  तेंदुलकर को बधाई देते हुए टेस्ट क्रिकेट से रिटायरमेंट के बाद की उनकी तस्वीर शेयर की है।

इस मौके पर क्रिकेट के दिग्गज खिलाड़ी विरेन्द्र सहवाग ने उन्हें बड़े ही अनोखे अंदाज में बधाई दी। सहवाग ने सचिन के साथ एक फोटो भी शेयर की जिसमें सहवाग और सचिन दोनों नजर आ रहे हैं।

सहवाग ने फोटो ट्वीट करते हुए मजाकिया अंदाज में लिखा कि ‘एक ऐसा अवसर जब कोई भी अपराध कर सकता है। भगवान जी सो रहे हैं, एक ऐसा शख्स जो भारत में समय को भी रोक सकता है।’

सचिन रमेश  तेंदुलकर और 24 तारीख का बहुत गहरा रिश्ता है आज हम आपको सचिन और 24 तारीख के रिश्ते के बारे में बतायेंगे।

1. 24 नबंबर 1989 को सचिन ने 16 साल की उम्र में पाकिस्तान के खिलाफ अपने टेस्ट करियर की पहली हाफ सेंचुरी (59 रन) बनायी थी।
2. सचिन की शादी 24 मई 1995 को हुई।
3. सचिन रमेश  तेंदुलकर का बेटा अर्जुन तेंदुलकर 24 सितंबर 1999 को पैदा हुआ।
4. सचिन 24 अप्रैल 1973 को पैदा हुए।
5. 24 फरवरी 1988 29 साल पहले सचिन तेंदलुकर और विनोद कांबली ने साथ मिलकर हैरिस शील्ड के सेमीफाइनल में नाबाद 664 रन की साझेदारी की थी। उस साझेदारी में सचिन 326 और विनोद कांबली 349 रन पर नाबाद रहे थे।
6. उनका अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर 1989-2013 यानी 24 साल का रहा। लेकिन 19 साल बाद हैदराबाद में मनोज कुमार और मो. शैबाज ने 721 रन की साझेदारी कर तोड़ दिया।

सचिन ने अपने जीवन पर एक किताब लिखी है जिसमे सचिन ने लिखा था कि मै बचपन में काफी जिद्दी था।

सचिन ने अपनी किताब में इस बात का जिक्र करते हुए कहा कि “मैं बचपन में काफी जिद्दी था, मेरे कई दोस्तों पर साइकिल थी, लेकिन मेरे पास नहीं। मैं किसी भी हाल में साइकिल चाहता था। मेरे पिता को मुझे न कहना अच्छा नहीं लगता था. मैंने जब उनसे कहा कि मुझे साइकिल चाहिए, तो उन्होंने मुझसे कहा कि कुछ दिनों में वह मुझे साइकिल दिला देंगे, आर्थिक तौर पर चार बच्चों को पालना बेहद मुश्किल होता है। “