कजरी तीज

10 अगस्त यानि कल, गुरुवार को कजरी तीज है। कजरी तीज के दिन सुहागिनों को पति की लंबी उम्र का वरदान मिलता है और कुंवारी कन्याओं को अच्छे वर का आर्शीवाद मिलता है।

माना जाता है कि इसी दिन मां पार्वती ने भगवान शिव को अपनी कठोर तपस्या से प्राप्त किया था। इस दिन संयुक्त रूप से भगवान शिव और पार्वती की उपासना करनी चाहिए। इससे कुंवारी कन्याओं को अच्छा वर प्राप्त होता है और जो सुहागिनों को सदा सौभाग्यवती होने का वरदान मिलता है।

शीघ्र विवाह से इसका क्या सम्बन्ध है?
वास्तव में तीज का सम्बन्ध शीघ्र विवाह से ही है। अविवाहित कन्याओं को इस दिन उपवास रखकर गौरी की पूजा विशेष रूप से करनी चाहिए। ऐसा करने से कुंडली में कितने भी बाधक योग क्यों न हों, इस दिन की पूजा से नष्ट किये जा सकते हैं। मगर इसका सम्पूर्ण लाभ तभी होगा, जब अविवाहिता इस उपाय को स्वयं करें।

इस दिन का पूजा विधान क्या है?

– इस दिन, पूरे दिन उपवास रखना चाहिए तथा श्रृंगार करना चाहिए।

– श्रृंगार में मेहंदी और चूड़ियों का जरूर प्रयोग करना चाहिए।

– सायं काल शिव मंदिर जाकर भगवान शिव और मां पार्वती की उपासना करनी चाहिए।

– वहां पर घी का बड़ा दीपक जलाना चाहिए।

– सम्भव हो तो मां पार्वती और भगवान शिव के मन्त्रों का जाप करें।

– पूजा खत्म होने के बाद किसी सौभाग्यवती स्त्री को सुहाग की वस्तुएं दान करनी चाहिए और उनका आशीर्वाद लेना चाहिए।

– इस दिन काले और सफेद वस्त्रों का प्रयोग करना वर्जित माना जाता है, हरा और लाल रंग सबसे ज्यादा शुभ होता है।