Survey on Rural Education, THe Survey For The Annual Status, Annual Report

नई दिल्लीः देश के आंचलिक इलाकों में शिक्षा का स्तर कितना बदतर है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 14 से 16 आयु वर्ग के 36 फीसदी बच्चों देश की राजधानी के बारे में भी मालूम नहीं है। इससे भी ज्यादा चौंकाने वाली बात ये भी है कि 14 फीसदी बच्चों को जब भारत का नक्शा दिखाया गया तो उन्हें उसके बारे में कुछ भी मालूम नहीं था। ग्रामीण शिक्षा पर आधारित यह चौंकानेवाली रिपोर्ट मंगलवार को जारी की गई है।

दरअसल, द सर्वे फॉर द एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट फॉर रूरल इंडिया इन 2017 नाम से देश के 24 राज्यों के 28 जिलों में सर्वे किया गया था। इस पर हैरानी जताते हुए मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम ने कहा कि इससे यह जाहिर होता है कि वाकई में ग्रामीण शिक्षा की क्या स्थिति है।

इसके अलावा उन्होंने बताया कि 14 की आयु तक लड़का और लड़की के एडमिशन में किसी तरह का कोई अंतर नहीं है लेकिन 18 वर्ष तक आते ही 32 फीसदी लड़कियां आगे की पढ़ाई छोड़ रही हैं जबकि उसकी तुलना में 28 फीसदी लड़के आगे की पढ़ाई नहीं कर रहे।

जहां तक डेली टास्क की बात है तो सर्वे में कुछ साधारण चीजें कराई गई जैसे पैसे की गिनती, वजन और समय का पूछना। जब उन छात्रों से पूछा गया कि ये कितने पैसे हैं? उनमें से करीब एक चौथाई ने गलत जवाब दिया।

जबकि, करीब 44 फीसदी बच्चे किलोग्राम को वजन में नहीं बता पाए। वहीं,  करीब 40 फीसदी से ज्यादा बच्चे घंटा और मिनट के बारे में तक नहीं बता सके।