चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि नए सीमा सुरक्षा क़ानून से मौजूदा सीमा संधि और सीमा संबंधी सवालों पर उसके रुख़ में कोई परिवर्तन नहीं आएगा.

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने भारत का नाम लिए बिना कहा कि चीन के घरेलू क़ानून के बारे में देशों को अटकलें लगाने से बचना चाहिए. भारत ने चीन के नए लैंड बॉर्डर क़ानून को लेकर आपत्ति दर्ज कराई है.

23 अक्टूबर को चीन में नेशनल पीपल्स कांग्रेस की स्टैंडिंग कमिटी ने इस क़ानून को पास किया था. चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, इस क़ानून का मक़सद ज़मीन से जुड़ी सीमाओं की सुरक्षा और उसका इस्तेमाल करना है.

यह क़ानून अगले साल एक जनवरी से प्रभाव में आएगा. इस क़ानून में यह नहीं कहा गया है कि यह भारत से लगी सीमा के लिए है. भारत के साथ चीन की 3,488 किलोमीटर सीमा विवादित है.

भारत की आशंका

कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि भारत और चीन के बीच 17 महीनों से सीमा पर जारी सैन्य गतिरोध और गहरा सकता है. वहीं कई लोगों का मानना है कि क़ानून सिर्फ़ शब्द है- भारत से संबंध चीन के घरेलू क़ानूनों से ख़राब नहीं हुए हैं बल्कि ज़मीन पर उसकी कार्रवाई से हुए हैं.