kejriwal

दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल का आज जन्मदिन है। अरविंद केजरीवाल आज अपना 49वां जन्मदिन मना रहे हैं। केजरीवाल का जन्म 16 अगस्त 1968 को हुआ था।

प्रशासनिक सेवा की नौकरी छोड़कर राजनीति में आए अरविंद केजरीवाल ने महज दो साल में दिल्ली की सत्ता हासिल कर ली। भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले केजरीवाल को दिल्ली की जनता ने दो बार अपना मुख्यमंत्री चुना। पहली बार जब केजरीवाल सत्ता में आए थे तब उन्होंने महज 49 दिन बाद ही इस्तीफा दे दिया था और फिर दूसरी बार जनता ने उन्हें भारी समर्थन दिया।

हर रोज विरोधियों पर तीखे वार करने के बजाय चुपचाप दिल्ली की जनता के लिए काम करने में जुटने का दावा कर रहे हैं। आइए इस शख्स के अब तक के जीवन सफर पर एक नजर डालते हैं-

  1. हरियाणा के हिसार में जन्में अरविंद केजरीवाल ने 1989 में आईआईटी खड़गपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन की। 1992 में वह भारतीय नागरिक सेवा (आईसीएस) के एक भाग, भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) में आ गए और उन्हें दिल्ली में आयकर आयुक्त कार्यालय में नियुक्त हुए।
  2. भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए अरविंद केजरीवाल ने गांधीवादी समाजसेवी अन्ना हजारे के साथ मिलकर 2011 में बड़ा आंदोलन किया. केजरीवाल देश में लोकपाल लाने की मांग कर रहे थे। इस आंदोलन के दौरान केजरीवाल ने अन्ना की तरह अनशन भी किया।
  3. 2013 के दिल्ली विधान सभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल की अगुवाई में आम आदमी पार्टी ने शानदार प्रदर्शन किया। खुद केजरीवाल ने नई दिल्ली सीट पर तीन बार की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को 25864 मतों से हराया। केजरीवाल ने कांग्रेस के साथ मिलकर दिल्ली में सरकार का गठन किया।
  4. अपने पहले कार्यकाल के दौरान वह 28 दिसम्बर 2013 से 14 फरवरी 2014 तक इस पद पर रहे। इससे पहले केजरीवाल एक सामाजिक कार्यकर्ता थे। उन्होंने सरकारी कामकाज में अधिक पारदर्शिता लाने के लिये संघर्ष किया।
  5. केजरीवाल ने 1989 में आईआईटी खड़गपुर से इंजीनियरिंग की। बाद में 1992 में वे भारतीय नागरिक सेवा (आईसीएस) के एक भाग, भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) में आ गए और उन्हें दिल्ली में आयकर आयुक्त कार्यालय में नियुक्त किया गया, लेकिन कुछ ही दिनों में उन्होंने महसूस किया कि सरकार में बहुप्रचलित भ्रष्टाचार के कारण प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी है। अपनी अधिकारिक स्थिति पर रहते हुए ही उन्होंने, भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम शुरू कर दी।
  6. 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी से चुनाव लड़ा। केजरीवाल खुद वाराणसी से हारे और पंजाब छोड़कर देश के सभी हिस्सों में आप के उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई।
  7. साल 2015 में पूरी तरह से बीजेपी और नरेंद्र मोदी की लहर के बाद भी अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत दर्ज की। 70 सीटों वाली विधानसभा में केजरीवाल की पार्टी ने 67 सीटें जीतकर सबको चौंका दिया।