नई दिल्ली: बीसीसीआई ने कल दिल्ली में अपनी आम सभा की विशेष बैठक (SGM) में 5 विवादास्पद मुद्दों को छोड़कर लोढ़ा समिति की बाकी सिफारिशें स्वीकार कर लीं। सुप्रीम कोर्ट ने एक साल से भी अधिक समय पहले बीसीसीआई को न्यायमूर्ति लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लागू करने का आदेश दिया था।

बीसीसीआई के कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी ने कहा, ‘बीसीसीआई ने 5 मुद्दों को छोड़कर लोढ़ा समिति के सुधारवादी कदमों को स्वीकार कर लिया है।’ जिन सुधारवादी कदमों को लागू नहीं किया गया है उनमें एक राज्य-एक वोट, राष्ट्रीय चयन पैनल का आकार, शीर्ष परिषद का आकार और पदाधिकारियों की आयु और कार्यकाल की सीमा शामिल है।’

इसी हफ्ते सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई के पूर्व अधिकारियों एन. श्रीनिवासन और निरंजन शाह को भी बोर्ड बैठक में हिस्सा लेने से प्रतिबंधित कर दिया था। इन दोनों की उम्र 70 बरस से अधिक है और लोढ़ा समिति की सिफारिशों के तहत दोनों बीसीसीआई के अयोग्य पदाधिकारी हैं।

चौधरी ने कहा, ‘अगर हम रेलवे या सेना की पूर्ण सदस्यता (वोटिंग अधिकार) बरकरार रखना चाहते हैं, तो उनका प्रतिनिधित्व सरकारी कर्मचारी या मंत्री ही कर सकता है।’

चौधरी ने कहा, ‘फिलहाल इसका प्रस्तावित आकार पांच सदस्यों का है। इसमें सिर्फ एक उपाध्यक्ष है और सदस्यों का नजरिया है कि देश के आकार को देखते हुए इसका आकार छोटा है।’