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नई दिल्ली,  पहले से ही कई तरह की समस्याओं से जूझ रहे देश के सरकारी बैंकों को अब इतिहास के सबसे बड़े घोटाले से निपटना होगा। पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने यह राज उजागर किया है कि उसके मुंबई स्थित एक शाखा में 1.77 अरब डॉलर (11,346 करोड़ रुपये) का घोटाला हुआ है।

गुरुवार को पंजाब नेशनल बैंक ने प्रेस कन्फ्रेंस करके इस पूरे मामले में अपना पक्ष रखा। बैंक के प्रबंध निदेशक सुनील मेहता ने कहा कि बैंक पूरी तरह साफ बैकिंग के लिए प्रतिबद्ध है। बैंक ने 2011 से चले आ रहे घोटाले पर खुद संज्ञान लेकर सभी पक्षों को सूचना दी, यह बैंक की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। मेहता ने यह भी कहा कि फ्रॉड करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बैंक ने इसकी पूरी जानकारी शेयर बाजार नियामक सेबी के साथ भी साझा की है।

पीएनबी के इस फ्रॉड पर बैंकिंग सेक्रेटरी राजीव कुमार ने अपने बयान में कहा है कि पीएनबी के इस मामले का असर रिकैप प्लान पर नहीं पड़ेगा। रिकैपिटलाइजेशन तय योजना के तहत ही होगा। इस दिशा में हर संभव कदम उठाया जा रहा है। फ्रॉड की पूरी रकम रिकवर कर ली जाएगी। प्रोविजनिंग बैंकिंग नियमों के मुताबिक करेंगे।

क्लीन बैंकिंग को लेकर PNB प्रतिबद्ध

मेहता ने मीडिया से बातचीत में यह भी कहा कि बैंक अपनी पूरी क्षमता से काम कर रहा है और इस समस्या ने निपटने में सक्षम है। उन्होंने यह भी कहा कि इस बैंकिंग कैंसर को पूरी तरह खत्म करेंगे। पीएनबी ने इस मामले में कुछ कर्मचारियों को सस्पेंड करने की भी पुष्टि की। साथ ही उन्होंने बताया कि बैंक हर तरह के उतार-चढ़ाव से बाहर आ गया है और पूरे सिस्टम को ठीक करने का काम जारी है।

माना जा रहा है कि घोटाले के तार भी रत्न व आभूषण के प्रसिद्ध कारोबारी नीरव मोदी से जुड़े हुए हैं, जिनके खिलाफ पीएनबी ने एक पखवाड़े पहले 280 करोड़ रुपये के फ्रॉड का आरोप लगाते हुए जांच सीबीआइ को सौंपी थी। प्रवर्तन निदेशालय ने सीबीआइ की एफआइआर के आधार पर नीरव मोदी पर धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पीएनबी की बैंक गारंटी पर छह बैंकों ने कर्ज दिया। इनमें यूनियन बैंक ने 2300 करोड़ रुपये, इलाहाबाद बैंक ने 2000 करोड़ रुपये, भारतीय स्टेट बैंक ने 960 करोड़ रुपये का कर्ज दिया था। साथ ही केनरा बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा भी इसमें शामिल हैं। वहीं दूसरी ओर ईडी ने गीतांजली जेम्स के ऑफिस पर छापेमारी की है। जिन पीएनबी अधिकारियों को सस्पेंड किया है उनके घर पर भी छापा मारा गया है।

बैंक की सूचना से वित्त मंत्रालय में हड़कंप

बैंक के अनुसार, उसने मुंबई स्थित अपनी एक शाखा में कुछ गड़बड़ी दर्ज की है। कुछ खाताधारकों को लाभ पहुंचाने के लिए लेनदेन किए गए। इन लेनदेनों के आधार पर ग्राहकों को दूसरे बैंकों ने विदेशों में कर्ज दिए हैं। इस पूरे मामले का आकार 1.77 अरब डॉलर है। पीएनबी की सूचना से वित्त मंत्रालय और पूरे बैंकिंग क्षेत्र में हड़कंप मचा हुआ है। वित्त मंत्रलय ने पूरे मामले पर रिपोर्ट तलब की है। हालांकि मंत्रालय के बैंकिंग विभाग में संयुक्त सचिव लोक रंजन के मुताबिक, ‘यह बड़ा मामला नहीं है और ऐसी स्थिति नहीं है, जिसे कहा जाए कि हालात काबू में नहीं है।’ वहीं मंत्रलय के अन्य अधिकारी इस बात से चिंतित है कि इसके तार कुछ दूसरे सरकारी बैंकों से भी जुड़े हुए हैं। यूनियन बैंक, इलाहाबाद बैंक और निजी क्षेत्र के एक्सिस बैंक ने भी पीएनबी की तरफ से गड़बडी करने वाले खाताधारकों को जारी आशय पत्र (एलओयू) के आधार पर कर्ज दिए हैं। ऐसे में जांच के दायरे मे ये बैंक भी आएंगे। एलओयू एक बैंक शाखा की तरफ से दूसरे बैंक शाखा को जारी एक ऐसा प्रपत्र है, जिसके आधार पर दूसरे जगह की बैंक शाखा उस ग्राहक को कर्ज की सुविधा देती है।

नीरव मोदी केस से खुलीं परतें

हाल ही में नीरव मोदी की कंपनी ने कर्ज का भुगतान नहीं किया। बताया जा रहा है कि गड़बड़ी में शामिल पीएनबी के अफसरों ने ज्यादा मार्जिन मनी मांगी तो नीरव ने देने से मना कर दिया। इस पर पीएनबी ने एलओयू जारी नहीं किया। इसके बाद एक विदेशी बैंक ने हांगकांग की नियामक एजेंसी के साथ ही भारतीय रिजर्व बैंक को सूचना दे दी।

अन्य बैंकों पर भी नजर

आरबीआइ ने जब पीएनबी से जवाब तलब किया तो उसके पास इसे सार्वजनिक करने और मामला की जांच करवाने के अलावा कोई चारा नहीं बचा। इसी क्रम में दूसरे मामले भी सामने आये। साथ ही यह पता भी लगाया जा रहा है कि क्या दूसरी बैंक शाखाओं में भी एलओयू जारी करने का यह धंधा चल रहा है। जानकारों की मानें तो बैंक अनाधिकृत तौर पर आयातकों के साथ मिलकर यह काम खूब करते हैं और इसे परोक्ष तौर पर उन्हें शीर्ष अधिकारियों से अनुमति होती है।

पीएनबी के दस कर्मचारी निलंबित 

पीएनबी ने इस मामले में अपने दस कर्मचारियों को भी निलंबित कर दिया है। घोटाले के सामने आने के बाद शेयर बाजार में पीएनबी के शेयरों की दस कीमत फीसद गिर गई। दूसरे बैंकों के शेयरों ने भी खूब गोता लगाया है।

गीतांजलि, गिन्नी और नक्षत्र भी जांच के घेरे में

पीएनबी में धोखाधड़ी सामने आने के बाद देश की प्रमुख ज्वैलरी कंपनी गीतांजलि, गिन्नी और नक्षत्र भी सरकारी एजेंसियों की जांच के घेरे में आ गई हैं। एक सरकारी बैंक के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इन चारों कंपनियों की सीबीआइ और प्रवर्तन निदेशालय ने जांच शुरू की है। इन कंपनियों की ओर से कोई टिप्पणी नहीं मिल पाई है।

280 करोड़ की धोखाधड़ी में ईडी ने दर्ज किया केस

सीबीआई ने नीरव मोदी, उनकी पत्नी एमी, भाई निशाल व मेहुल चौकसी के खिलाफ 16 जनवरी को 280.7 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का केस दर्ज किया था। यह भी पीएनबी से कपटपूर्वक एलओयू हासिल करने का था। सीबीआई की एफआईआर के आधार पर बुधवार को ईडी ने भी मोदी व अन्य के खिलाफ केस दर्ज कर लिया।