नई दिल्ली, 12 अप्रैल 2021

देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को लेकर आईआईटी बॉम्बे की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है। अपनी रिपोर्ट में आईआईटी बॉम्बे ने कहा है कि जीरो बैलेंस या बेसिक सेविंग जमा खाता से जुड़ी सर्विसेज के नाम पर बैंक ने अधिक सर्विस चार्ज वसूला। बैंक ने RBI के नियमों का उल्लघंन करते हुए इन खातों पर अनावश्यक चार्जेज वसूले। इस तरह से SBI ने पिछले 5 सालों में 300 करोड़ रुपए सिर्फ चार्ज वसूलकर कमाया है।

आईआईटी बॉम्बे की स्टडी में इस बात खुलासा हुआ है। बैंक की स्टडी के मुताबिक SBI ने जीरो बैंलेस या बेसिक सेविंग बैंक डिपॉजिट अकाउंट्स से जुड़ी सेवाओं के लिए अधिक चार्जेज वसूले। रिजर्व बैंक की गाइडलाइंस की अनदेखी करते हुए एसबीआई समेत कुछ बैंकों ने खाताधारकों से अधिक चार्ज वसूले हैं। स्टडी के मुताबिक जीरो बैलेंस खातों से तय चार ट्रांजैक्शन के बाद ट्रांजैक्शन करने पर एसबीआई ने हर लेनदेन के लिए 17.70 रुपए चार्ज वसूले हैं।

इन मनमाने नियम के कारण 5 सालों में एसबीआई ने सिर्फ जीरो बैलेंस खाते से जुर्माना वसूलकर 300 करोड़ रुपए की कमाई कर ली है। रिपोर्ट के मुताबिक साल 2015 से लेकर साल 2020 तक एसबीआई ने 12 करोड़ जीरो बैलैंस खातों से करीब 300 करोड़ रुपए वसूले हैं।

साल 2018-19 के बीच एसबीआई ने इन खातों से 72 करोड़ का सर्विस चार्ज वसूला तो वहीं साल 2019-20 में 158 करोड़ रुपए सर्विस चार्ज के नाम पर वसूले। एसबआई के अलावा पंजाब नेशनल हैंत ने भी जीरो बैलेंस खातों से 9.9 करोड़ रुपए वसूले। आईआईट बॉम्बे के प्रोफेसर आशीष दास ने इस स्टडी को किया है। रिपोर्ट के मुताबिक SBI ने प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत खोले गए खातों से कैशलेस डिजिटल लेनदेन की सेवा पर भी चार्ज वसूला है। आशीष दास ने कहा कि जहां एक ओर बैंक लोगों को डिजिटल पेमेंट करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं तो वहीं एसबीआई इस सर्विस के लिए मोटा चार्ज वसूल रहा है।