sex satisfaction

हम सभी इस टॉपिक पर बात करना चाहें या न चाहें, मगर सच्चाई तो यही है कि इश्क, प्यार और मोहब्बत हमारी ज़िंदगी का एक ऐसा दस्तावेज है, जिसे कतई नज़रअंदाज नहीं किया जा सकता. जिस तरह इंसान को जीवित रहने के लिए हवा, पानी और भोजन की ज़रूरत पड़ती है ठीक उसी तरह उसे ज़रूरत पड़ती है.
पूरी दुनिया के अलग-अलग देशों में काम करने वाली संस्था alternet ने व्यापक सर्वे के हवाले से जांचा और परखा है कि दुनिया के वे कौन से प्रमुख और अव्वल देश हैं, जहां के लोग सेक्सुअली सैटिस्फाईड हैं. ख़ासकर के उस दौर में जब सेक्स के मुद्दे पर हम स्पेन और फ्रांस से आगे नहीं सोच पाते, ये रिपोर्ट और सर्वे हमारी नज़र को विस्तार देता है.

चीन
आश्चर्य हो रहा है न! पहले-पहल हमें भी हुआ था. मगर जरा सोचिए कि आख़िर वो चीन ही तो है जो पूरी दुनिया में जनसंख्या के मामले में अव्वल है. साथ ही पूरी दुनिया में बनने वाले सेक्स टोएस में से 70% चीन में ही बनाए जाते हैं. कुल मिला कर कहानी का जीस्त यह है कि, उन बंद दरवाजों के पीछे कुछ बेहद ही ज़हीन और संतुष्ट जोड़े रहते है.

जर्मनी
जर्मनवासियों को हालांकि पूरी दुनिया के सबसे खराब लवर्स का दर्जा प्राप्त है (जिसकी वजह शायद उनके शरीर से आने वाली गंध हो!) मगर फ़िर भी वे सेक्सुअली काफ़ी सैटिस्फाइड दिखते हैं. जहां 32% जर्मनवासियों ने इस बात को स्वीकार किया है कि उनके वन-नाइट स्टैंड रहे हैं, इसके बावजूद उनका एचआईवी दर अमरीका की तुलना में छठा भाग ही है. है न आश्चर्य!

नाइजीरिया
इस सर्वे में भले ही नाइजीरिया को पूरी दुनिया में 10वां स्थान दिया गया हो, मगर Durex नामक Condom निर्माण करने वाली कम्पनी ने इसे No.1 का दर्जा दिया है. और यहां की 67% जनता ने ऐसे ही थोड़े घोषित किया है कि वे सेक्सुअल निर्वाण की प्राप्ति कर चुके हैं.

भारत
कामसूत्र की धरती के नाम से पूरी दुनिया मे प्रचलित ये देश 8वें नम्बर पर है. हालांकि पहली बार सेक्स करने के मामले में इंडियंस की औसत आयु 22 वर्ष है, मगर ये उम्र उनके उत्साह पर कभी भारी नहीं पड़ती. अब जब अधिकतर भारतीय नौजवान फोरप्ले और सिडक्शन पर विशेष ध्यान दे रहे हैं, लगभग 61% भारतीयों ने स्वीकारा है कि वे सेक्सुअली सेटिस्फाइड हैं.