गुजरात के जुनागढ़ में एक दलित महिला के साथ अत्याचार करने का मामला सामने आया है। वीडियो में महिला को चारों तरफ से घेरकर लोग मारपीट कर रहे हैं। दलित महिला व उसके आठ साल के बेटे से मारपीट के आरोप में एक सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल और एक गांव के उप सरपंच को हिरासत में लिया गया है।

इन दोनों को अनुसूचित जाति और जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत हिरासत में लिया गया। 30 साल की महिला स्कूल में मिड डे मिल बनाने का काम करती है। मगर किसी बात पर स्कूल के हेडमास्टर ने स्कूल से बाहर आकर गालियां देने लगा। बाद में मारपीट का वीडियो बनाकर वायरल कर दिया।

दलित नेता जिगनेश मेवानी ने इस वीडियो को ट्विटर पर पोस्ट करते हुए लिखा कि ऊना में दलितों के साथ हुए अत्याचार की घटना को एक साल भी नहीं हुआ है और अब गुजरात में यह हुआ है। दलित महिला और उसके बेटे को बेकार सामान की तरह फेंक दिया गया। स्कूल के प्रिंसिपल कालूभाई ठाकरानी ने महिला के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई और प्रताड़ित करने का आरोप लगाया।

पीड़ित महिला ने बताया कि मैं पिछले 10 सालों से स्कूल में काम कर रही हूं। यहां के प्रिंसिपल ने मुझे ये कहकर निकालने की कोशिश कि थी उन्हें दलित को खाना परोसने जैसा काम नहीं करना चाहिए। जब इससे मैंने मना कर दिया को उन्होंने मुझे और मेरे बेटे को स्कूल से फेंक दिया।

उसने बताया कि जब मेरे बेटे को स्कूल से फेंका तो मुझे गुस्सा आ गया और मैंने यहां के नेता को थप्पड़ मार दिया। इसके बाद सब लोगों ने मिलकर मुझे और मेरे बेटे को पीटा। दलित नेता प्रभु वाला ने बताया कि मारपीट के बाद महिला दो दिन तक अस्पताल में रही थी।