Gayatri Prajapati

उत्तरप्रदेश की पूर्व समाजवादी सरकार के पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति फिलहाल लखनऊ की जिला जेल में बंद हैं, सपा नेता गायत्री पर एक महिला के साथ गैंगरेप और उसी महिला की नाबालिग लड़की से छेड़छाड़ के भी आरोप लगे थे। जिसके बाद से लखनऊ हाई कोर्ट की पोक्सो अदालत मामले की सुनवाई कर रही है। इसी क्रम में मंगलवार को सपा नेता गायत्री प्रजापति ने कोर्ट में डिस्चार्ज एप्लीकेशन दाखिल की थी।

पोक्सो अदालत ने ख़ारिज की एप्लीकेशन-
सपा नेता गायत्री प्रजापति ने मंगलवार को पोक्सो अदालत में डिस्चार्ज एप्लीकेशन दाखिल की थी। जिसे लखनऊ हाई कोर्ट की पोक्सो अदालत ने ख़ारिज कर दिया है। गौरतलब है कि, गायत्री प्रजापति पहले भी डिस्चार्ज एप्लीकेशन दाखिल कर चुके हैं। जिसके अंतर्गत कोर्ट ने दोबारा गायत्री प्रजापति की एप्लीकेशन को ख़ारिज कर दिया है।

सपा नेता गायत्री प्रजापति के खिलाफ शुरू हुई लोकायुक्त जांच-
समाजवादी पार्टी नेता गायत्री प्रजापति की मुश्किलें कम होने के नाम नहीं ले रही हैं। एक तरफ जहाँ गायत्री प्रजापति गैंगरेप और पास्को एक्ट जैसी धाराओं में कथित आरोपी हैं। वहीँ मंगलवार 11 जुलाई से सपा नेता के खिलाफ लोकायुक्त की भी जांच शुरू हो गयी है। लोकायुक्त ने यह जांच आय से अधिक संपत्ति, अवैध खनन और भ्रष्टाचार के मामले में दायर परिवाद के आधार पर शुरू की है।

10 महीने पहले दाखिल की गयी थी शिकायत-
सपा नेता गायत्री प्रजापति के खिलाफ लोकायुक्त की जांच मंगलवार से शुरू हो चुकी है। जिसके तहत लोकायुक्त गायत्री के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति, अवैध खनन और भ्रष्टाचार के आरोपों के खिलाफ जांच करेंगे। गौरतलब है कि, यह शिकायत करीब 10 महीने पहले दाखिल की गयी थी। जिसके बाद लोकायुक्त कार्यालय ने मामले में अपना संज्ञान लिया है। लोकायुक्त के पास शिकायतकर्ता रजनीश सिंह ने शिकायत दर्ज की थी। आपको बता दें कि, अपने आरोपों के तहत रजनीश सिंह ने गायत्री के खिलाफ सबूत भी लोकायुक्त को दिए हैं। लोकायुक्त सचिव आर.एन पाण्डेय ने शिकायतकर्ता को पत्र भेज कर जांच शुरू होने की जानकारी दी।

पहले से ही कई गंभीर धाराओं के तहत जेल में बंद है गायत्री प्रजापति-
गायत्री प्रजापति पर लोकायुक्त ने अपनी जांच शुरू कर दी है। जिसके बाद गायत्री प्रजापति की मुश्किलें पहले से काफी बढ़ चुकी हैं। गायत्री प्रजापति पर पहले से ही गैंगरेप, पास्को एक्ट के तहत मुक़दमे चले रहे हैं। वहीँ ऐसे में आय से अधिक संपत्ति, अवैध खनन और भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद गायत्री प्रजापति की मुश्किलें बढ़ चुकी हैं।