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आम आदमी पार्टी की ओर से की गई उस मांग को चुनाव आयोग ने खारिज कर दिया है, जिसमें पार्टी ने ईवीएम को हैक करने या उससे छेड़छाड़ की चुनौती के दौरान मदरबोर्ड से भी छेड़छाड़ की अमुमति मांगी थी। इसके साथ ही आयोग ने ये कहा है कि ईवीएम मशीन के मदरबोर्ड या इंटरनल सर्किट को बदलना अपने आप में पूरे डिवाइस को ही बदलने के समान होगा।

चुनाव आयोग की तरफ से आम आदमी पार्टी को भेजे गये पत्र में कहा गया है कि चुनाव आयोग का ये मानना है कि ईवीएम के मदर बोर्ड या इंटरनल सर्किट को बदलने की अनुमति देने का मतलब है कि किसी को भी नई मशीन बनाने या चुनाव आयोग के सिस्टम के तहत नई ईवीएम मशीन को लाने की अनुमति दे दी जाए।

आयोग ने कहा कि यह पूरी तरह से अकल्पनीय और अतार्किक है। किसी भी तरह की मिलती-जुलती मशीन एक अलग तरह की गैजेट है, जिसे जानबूझकर गड़बड़ तरीके से ही काम करने के लिए बनाया गया है। इसका आयोग की ईवीएम से कोई लेना-देना नहीं है।

दरअसल, चुनाव आयोग को 24 मई को खत लिखकर आम आदमी पार्टी ने आयोग से कहा था कि ईवीएम हैकिंग की चुनौती की शर्तों पर आयोग पुनर्विचार करे। आम आदमी पार्टी ने चुनाव आयोग से ईवीएम चैलेंज को खुली हैकथॉन होने की अनुमति देने को कहा था, जहां किसी भी प्रकार के छेड़छाड़ की इजाजत हो और उसका प्रदर्शन किया जा सके। आपको बता दें कि दिल्ली विधानसभा में आप विधायक सौरभ भारद्वाज ने ये दिखाया था कि ईवीएम में छेड़छाड़ करना संभव है।

आयोग ने कहा कि इस तरह के परिदृश्य को हमारे प्रशासनिक सुरक्षा उपायों और कड़े सुरक्षा प्रोटोकॉल में पूरी तरह से खारिज कर दिया गया है और यही वजह है कि आगामी ईवीएम चुनौती में इसका प्रस्ताव नहीं है।

हालांकि, आयोग ने दिल्ली विधानसभा में उपयोग हुए ईवीएम का हवाला देते हुए कहा कि वह सिर्फ चुनाव आयोग की ईवीएम से मिलती-जुलती डिवाइस थी। चुनाव आयोग ने कहा कि बाह्य और डुप्लिकेट गैजेट्स पर तथाकथित प्रदर्शन, जो आयोग के स्वामित्व में नहीं हैं, उसका इस्तेमाल ईवीएम की छवि खराब करने के लिए नहीं किया जा सकता है।

गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी या फिर किसी भी अन्य पार्टियों ने अभी तक 3 जून से शुरू हो रहे ईवीएम चैलेंज में भाग लेने की पुष्टि नहीं की है।