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नई दिल्ली , HRA पर टैक्स छूट के लिए फर्जी ‘हाउस रेंट’ रसीद जमा कराने वालों पर IT विभाग सख़्ती करने जा रहा है। IT अधिकारी को अगर लगता है कि जमा की गई घर के किराए की रसीद नकली है तो वो एग्रीमेंट पेपर, हाउसिंग सोसायटी की ओर से जारी पत्र, बिजली या पानी के बिल जैसी सबूत मांग सकता है। ये सबूत नहीं देने की सूरत में आप को HRA पर मिलने वाली टैक्स छूट ख़त्म हो जाएगी यानी आपको अधिक टैक्स चुकाना पड़ेगा।

अक्सर देखा जाता है कि फर्जी रेंट रसीद देने वाले लोगों के पास इनमें से कोई भी जरूरी दस्तावेज नहीं होता है। कई बार ऐसा भी होता है कि व्यक्ति असल में किराया चुका ही न रहा हो और अपने परिवार के घर में ही रह रहा हो।

ऐसा अक्सर देखा गया है कि कई लोग अपने पिता के घर में रहते हुए रेंट स्लिप लगा देते हैं और दावा करते हैं कि वो किरायेदार हैं। कई बार किराएदार होने पर भी किराए की रकम बढ़ाकर दिखाई जाती है। हाल ही में IT मुंबई ने एक नौकरी करने वाले व्यक्ति का HRA क्लेम खारिज किया था जिसने दावा किया था कि वह अपनी मां को रेंट पेमेंट कर रहा है। कई मामलों में तो असल में किराएदार होने पर भी किराए की रकम बढ़ाकर दिखाई जाती है।
HRA पर इनकम टैक्स विभाग की सख़्ती कई लोगों पर भारी पड़ सकती है। यानी अगर आप नौकरी करते हैं तो आपको अब संभलकर HRA क्लेम करना होगा।