अशोक सिंह

22 साल पुराने अशोक सिंह की हत्या मामले में आरजेडी नेता एवं पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह को कोर्ट ने दोषी करार दिया था और आज मंगलवार को हजारीबाग कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। उनके अलावा उनके भाई दीनानाथ सिंह और पूर्व मुखिया रितेश सिंह को भी आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। कोर्ट ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सजा का ऐलान किया।

अशोक सिंह की हत्या
अशोक सिंह की हत्या 3 जुलाई 1995 को पटना में उनके सरकारी आवास 5 स्टैंड रोड में बम मारकर कर दी गई। उस समय वो आरजेडी के मशरख विधानसभा क्षेत्र से विधायक थे। हत्या का मुख्य आरोपी प्रभुनाथ सिंह को बनाया गया। प्रभुनाथ सिंह को हराकर ही अशोक सिंह मशरख से विधायक बने थे। अशोक सिंह मामले में गिरफ्तार प्रभुनाथ सिंह के छपरा जेल में रहते कानून व्यवस्था बिगड़ रही थी, जिसके चलते उनको हजारीबाग जेल शिफ्ट किया गया। प्रभुनाथ सिंह के आवेदन पर ही हजारीबाग में इस केस का ट्रायल चला और 22 साल के बाद बृहस्पतिवार को अदालत ने फैसला सुनाया।

प्रभुनाथ सिंह को बिहार की राजनीति में बाहुबली राजनेता के रूप में जाना जाता है। वह जेडीयू के टिकट से महाराजगंज से सांसद रह चुके हैं। वह कई अधिकारियों को धमकाते समेत कई विवादों में अक्सर रहे हैं।