माइनिंग

उर्जा क्षेत्र की भारतीय कंपनी अडानी ने आस्ट्रेलिया में 21.7 अरब डालर के कारमाइकल कोयला खान पर अंतिम निवेश का फैसला टाल दिया है। यह फैसला इसलिए टाला गया है क्योंकि क्वीसलैंड सरकार इस विवादित परियोजना पर लाखों डालर की रॉयल्टी पर निर्णय नहीं ले पायी।

मीडिया की खबरों के अनुसार अडानी चाहती है कि क्वीसलैंड सरकार को गैलिली बेसिन में कोयला खान विकास की इस परियेाजना के लिए रॉयल्टी प्रतिबद्धताओं में देरी करनी चाहिए। कारमाइकल पर अडानी का अंतिम निवेश निर्णय इस महीने होने की उम्मीद थी।

आस्ट्रेलिया में अडानी के प्रवक्ता ने कहा कि क्वीसलैंड मंत्रिमंडल ने अपनी बैठक में अडानी परियोजना के लिए रॉयल्टी पर कोई फैसला नहीं किया। क्वींसलैंड के प्रधानमंत्री एनास्टाशिया पलासजुक ने कहा कि मंत्रिमंडल के सामने कोई औपचारिक आवेदन नहीं था लेकिन अडानी पर जो बनता है, उसे उसका भुगतान करना होगा।

अडानी परियोजना के लिए पर्यावरण मंजूरी का मामला ऑस्ट्रेलियाई कोर्ट पहुंचा था। ऑस्ट्रेलियाई कोर्ट ने सुनवाई के दौरान यक्का स्किंक और सजावटी सर्प प्रजातियों के विलुप्त होने के खतरे से जुड़े विवाद के मद्देनजर इस परियोजना के कार्यान्वयन को रोक दिया था।

अडानी की ऑस्ट्रेलिया माइनिंग प्रोजेक्ट
अडानी ग्रुप को अपने माइनिंग प्रोजेक्ट की शुरुआत करने के लिए गलीली बेसिन में स्थित कारमाइकेल कोयला खदानों के लिए भूमि-अधिग्रहण करना था। इस क्षेत्र में जमीनों का मालिकाना हक क्वींसलैंड के क्षेत्रीय वांगन और जगलिंगउ लोगों को है। अडानी समूह ने क्षेत्रीय लोगों से जमीन अधिग्रहित करने के लिए लंबे समय से कानूनी प्रक्रिया से गुजर रही है। क्षेत्रीय नियमों के मुताबिक वहां कि सरकार को लोगों से जमीन लेकर अदानी को माइनिंग लीज देना था।

आस्ट्रेलियन ग्रीन्स पार्टी ने अडाणी के प्रोजेक्ट का शुरू से विरोध किया है। आस्ट्रेलियन ग्रीन्स की उप नेता और जलवायु प्रवक्ता लैरिसा वाटर्स ने कहा गैलिली बेसिन में कोयला खनन न सिर्फ पर्यावरण के लिहाज से गैरजिम्मेदाराना है बल्कि यह आर्थिक रूप से भी व्यावहारिक नहीं है।