Gauri Lankesh

कन्नड़ की वरिष्ठ महिला पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता गौरी लंकेश की हत्या के मामले को लेकर आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति शुरू हो चुकी है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर करारा हमला बोला है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि खास विचारधारा लोगों पर थोपी जा रही है। राहुल गांधी ने आगे कहा कि पीएम मोदी मौसमी हिंदुत्व नेता हैं। गौरी लंकेश की हत्या पर पीएम मोदी चुप क्यों हैं? उनकी चुप्पी के दो मायने हैं।

गडकरी का राहुल को करारा जवाब-
राहुल को जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा,’उनकी हत्या बेहद अफसोस जनक है और हमें इसका दुख है। मगर हमारे लोगों का और हमारी पार्टी का इसमें कोई हाथ नहीं है। कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार है और उनका काम है कि दोषी लोगों को पकड़े और उनको सजा दें। कई बार हमारे लोगों की भी हत्या होती है और कई बार हमारे विरोधी लोगों की भी हत्या होती है। मगर बिना किसी जांच के राहुल गांधी ने जिस तरह से यह आरोप लगाए हैं, वह एकदम बेबुनियाद और झूठे हैं। प्रधानमंत्री इस समय विदेश में है और जरूरी नहीं है कि वह हर बात पर बयान दें, इसलिए प्रधानमंत्री को इससे जोड़ना एकदम गलत है। कर्नाटक सरकार को दोषियों को पकड़ कर सजा दिलानी चाहिए।

2 लोगों से पूछताछ जारी-
वहीं कार्रवाई के नाम पर चिकाकमलगुर पुलिस दो व्यक्तियों से पूछताछ कर रही है। एक का नाम संदीप और दूसरे का मल्लियार्जुन है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा है कि दो लोगों ने गौरी लंकेश के खिलाफ फेसबुक पर कुछ पोस्ट किया था, उनसे भी पूछताछ की जा रही है। सीएम सिद्धारमैया ने कहा है कि कलबुर्गी, पंसारे और दाभोलकर की हत्या में भी ऐसे ही हथियारों का इस्तेमाल किया गया था। वह हाल ही में मुझसे मिली थीं, मगर किसी धमकी के बारे में नहीं बताया। पुलिस को निर्देश दिए गए हैं कि प्रगतिवादी विचारों का प्रसार करने वाले ऐक्टविस्ट्स को सुरक्षा दी जाए। यह सच है कि यह एक संगठित अपराध है, पुलिस इस पर नजर बनाए हुए है। सीएम सिद्धारमैया ने एक महानिरीक्षक (आईजी) की अध्यक्षता वाली एक विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन का आदेश दे दिया है।

कर्नाटक के गृह मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने कहा है कि हम इस मामले में सीबीआई जांच के लिए तैयार हैं। पुलिस की 3 टीमें वारदात की छानबीन कर रही हैं। अलग-अलग टीमों को विभिन्न स्थानों पर भेजा गया है। वहीं गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से रिपोर्ट तलब की है। उन्होंने कहा है कि अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।

परिजनों ने की CBI जांच की मांग-
वहीं गौरी लंकेश के भाई ने सीबीआई जांच की मांग करते हुए कहा है कि कलबुर्गी के मुद्दे को देखा है। राज्य की जांच को देखते हुए दुख के साथ मैं कहता हूं कि उन्होंने कुछ भी नहीं किया है। वह ऐक्टिविस्ट थीं, अपना काम करती थीं। जहां तक मुझे पता है, उन्हें किसी तरह की धमकी नहीं मिलती थी।

सोनिया गांधी ने भी जताया दुख-
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी घटना पर दुख जताते हुए कहा है कि इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। सोनिया की तरफ से अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (एआईसीसी) के एक बयान के अनुसार, ‘निडर और स्वतंत्र विचारों के लिए जानी जाने वाली गौरी लंकेश के भीतर तंत्र के साथ लोहा लेने के लिए असाधारण धैर्य व दृढ़ संकल्प था।’ बयान में कहा गया है कि, ‘देश में बुद्धिजीवियों, स्वतंत्र विचारकों और पत्रकारों की सिलसिलेवार हत्याओं ने एक ऐसा माहौल पैदा कर दिया है, जो दर्शाता है कि असंतोष, वैचारिक मतभेद और विचारों की अभिव्यक्ति हमारे जीवन को खतरे में डाल सकती है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता और नहीं किया जाना चाहिए।’ बयान के मुताबिक, ‘यह हमारे लोकतंत्र के लिए एक बहुत ही दुखद क्षण है और यह इस तथ्य की याद दिलाता है कि असहिष्णुता और कट्टरता हमारे समाज में अपना सिर उठा रही है।’

गौरी लंकेश की मंगलवार को अज्ञात हमलावरों ने बंगलुरु में उनके घर पर गोली मारकर हत्या कर दी थी। गौरी को रात करीब 8.30 बजे उस समय बिल्कुल करीब से गोली मारी गई थी, जब वह राजराजेश्वरी नगर में अपने घर का दरवाजा खोलने रही थीं। उनके सिर पर तीन गोलियां दागी गईं और उनकी मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस कमिश्नर टी सुनील कुमार ने बताया है कि मंगलवार की शाम को गौरी लंकेश ने राजराजेश्वरी नगर इलाके में स्थित अपने घर के सामने अपनी कार को रोका और दरवाजा खोलने के लिए आगे बढ़ीं। उसी समय कुछ अज्ञात हमलावरों ने उनके ऊपर फायरिंग शुरू कर दी। करीब 7 राउंड फायरिंग की गई। इसमें से 4 गोली गौरी को लगी, 3 गोली उनके सिर में लगी हैं। फायरिंग की आवाज सुनकर पड़ोसी बाहर निकले, तो उन्होंने देखा कि गौरी खून से लथपथ पड़ी हुई हैं।

पिछले साल भाजपा सांसद प्रह्लाद जोशी की तरफ से दायर मानहानि मामले में उन्हें दोषी करार दिया गया था, जिन्होंने उनके टैबलॉयड में भाजपा नेताओं के खिलाफ एक खबर पर आपत्ति जताई थी।