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उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट गोमती रिवरफ्रंट के घोटाले के मामले में बड़ी कार्रवाई की तैयारी कर ली है। योगी सरकार ने घोटाले में शामिल जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई का मन बना लिया है।

योगी सरकार ने गोमती रिवरफ्रंट के घोटाले के मामले में कार्रवाई का मन बन लिया है। जिसके तहत घोटाले में 9 इंजीनियरों के खिलाफ FIR दर्ज हो गयी है। गौरतलब है कि, योगी सरकार रिवरफ्रंट घोटाले को लेकर काफी सख्त हो गयी है।

ज्ञात हो की मामले की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश पहले ही की जा चुकी है। गोमती रिवरफ्रंट में कुल 1600 करोड़ का घोटाला किया गया था।
मामले में पहले ही एक इंजीनियर पर गाज गिर चुकी है। अब पुलिस 74 पन्ने की न्यायिक जांच रिपोर्ट का अध्ययन कर रही है।

दर्ज कराई गई रिपोर्ट में खास बात यह है कि करोड़ों के घोटाले में किसी भी नौकरशाह या सफेदपोश का नाम नहीं है। सभी आरोपितों के खिलाफ धोखाधड़ी, वित्तीय अनियमितता और भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस को दी गई तहरीर के साथ 74 पेज की जांच रिपोर्ट भी दी गई है।

उन्होंने बताया कि तहरीर के आधार पर गुलेश चंद्र (तत्कालीन मुख्य अभियंता, सेवानिवृत्त), एसएन शर्मा (तत्कालीन मुख्य अभियंता), काजिम अली (तत्कालीन मुख्य अभियंता), शिव मंगल यादव (तत्कालीन अधीक्षण अभियंता, सेवानिवृत्त) अखिल रमन (तत्कालीन अधीक्षण अभियंता, सेवानिवृत्त) कमलेश्वर सिंह (तत्कालीन अधीक्षण अभियंता) रूप सिंह यादव (तत्कालीन अधिशासी अभियंता/अधीक्षण अभियंता, सेवानिवृत्त) सुरेंद्र यादव (अधिशासी अभियंता) के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।

बता दें कि, उच्च न्यायालय इलाहाबाद के सेवानिवृत्त न्यायधीश आलोक कुमार सिंह की अध्यक्षता में गोमती रिवर फ्रंट घोटाले की न्यायिक जांच के लिए जांच समिति बनाई गई थी। समिति में विशेषज्ञ के रूप में इंजीनियरिंग एवं वित्त संकाय के प्रोफेसर शामिल थे। न्यायिक जांच समिति से तथ्यों के आधार पर जांच कर निष्कर्ष मांगा गया था। जांच समिति ने 15 मई को शासन को आख्या प्रस्तुत कर दी थी। जांच में गोमती रिवर फ्रंट परियोजना के क्रियान्वयन में विभिन्न अनियमितताओं का उल्लेख किया गया।