सरकार ने पहला जीएसटी टैक्स रिटर्न फाइल करने की तारीख 28 अगस्त तक कर दी है। पहले इसके लिए कंपनियों को 20 अगस्त अंतिम तारीख तय की गई थी। केंद्र और राज्य सरकारों ने इस फॉर्म के जमा करने की तारीख में एक साथ बदलाव करने की जानकारी दी है। कंपनियां जीएसटी की लायबिलिटी को पिछले टैक्स सिस्टम में चुकाई गई सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी, सर्विस टैक्स या वैट से एडजस्ट कर सकती हैं।

जीएसटी काउंसिल ने क्लेम ट्रांजिशन क्रेडिट के लिए बहुत उदार नियम बनाए हैं ताकि कंपनियों को नए टैक्स सिस्टम में शिफ्ट होने में कोई दिक्कत ना हो। टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस बारे में तस्वीर साफ करके सरकार ने इंडस्ट्री को राहत दी है और इसका इंतजार भी किया जा रहा था। पीडब्ल्यूसी में इनडायरेक्ट टैक्स के लीडर प्रतीक जैन ने बताया, ‘यह पता नहीं था कि जीएसटीआर 3बी फाइल करते वक्त बकाया इनपुट क्रेडिट क्लेम किया जा सकता है या नहीं? अब ऐसा लगता है कि कंपनियां बकाया क्रेडिट 28 अगस्त से पहले ट्रैन 1 फाइल करके क्लेम कर सकेंगी। जीएसटीआर 3बी फाइल करने की संशोधित तारीख यही है।’

वित्त मंत्रालय के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि इसकी अधिसूचना जारी की जा रही है। जुलाई और अगस्त महीने के लिए कंपनियों को जीएसटीआर 3बी फॉर्म जमा करना होगा। इसमें दोनों महीने का समरी रिटर्न जमा करना होगा। जुलाई का रिटर्न भरने के लिए पहले 20 अगस्त की तारीख तय की गई थी।

वहीं, अगस्त के लिए डेडलाइन 20 सितंबर तय की गई थी। यह फॉर्म कंपनियों की मदद के लिए लाया गया था, लेकिन इंडस्ट्री का कहना था कि इसमें पिछले टैक्स सिस्टम के कैरी फॉरवर्ड क्रेडिट की जानकारी देने के लिए अलग से कॉलम नहीं दिया गया था।

वहीं, पिछला क्रेडिट क्लेम करने के लिए जीएसटी ट्रैन-1 फॉर्म है, जो 21 अगस्त के बाद ही भरा जा सकता था। इसका मतलब यह था कि कंपनियों को पहले महीने के लिए तुरंत टैक्स का भुगतान करना पड़ता। इकनॉमिक टाइम्स ने 2 अगस्त के अंक में इस मामले पर तस्वीर साफ किए जाने की जरूरत की खबर दी थी।