Mohalla Assi, Kashi Ka Assi, Kashi Nath Singh, Sakshi Tanwar, Sunny Deol, Dr CHandra Prakash Dwivedi

फिल्मकार डॉ. चंद्रप्रकाश द्विवेदी की बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘मोहल्ला अस्सी’ के जल्द रिलीज होने का रास्ता साफ हो गया है.

13 दिसंबर को दिल्ली हाइकोर्ट ने केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) को निर्देश दिया कि वह इस फिल्म को एक हफ्ते के भीतर ‘ए’ प्रमाणपत्र जारी करे. इससे पहले, सीबीएफसी ने इसमें 10 कट लगाने का सुझाव फिल्म के निर्देशक डॉ. द्विवेदी को दिया था. अपने आदेश में दिल्ली हाइकोर्ट ने उन 10 कट में से नौ को खारिज कर दिया है.

‘मोहल्ला अस्सी’ हिंदी के मशहूर कथाकार काशीनाथ सिंह के चर्चित उपन्यास ‘काशी का अस्सी’ पर बनी फिल्म है. किश्तों में छपा यह उपन्यास साहित्यिक और सांस्कृतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया था. डॉ. द्विवेदी की इस फिल्म में सनी देओल और साक्षी तंवर मुख्य भूमिकाओं में है.

यह आदेश न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा की अदालत ने दिया, जो क्रॉसवर्ड एंटरटेनमेंट प्रा. लि. की याचिका पर सुनवाई कर रहे थे. इस फिल्म निर्माण कंपनी ने पिछले साल नवंबर में फिल्म सर्टिफिकेट अपीलेट ट्रिब्यूनल (एफसीएटी) के आदेश को चुनौती देते हुए याचिका दाखिल की थी. ट्रिब्यूनल के आदेश में फिल्म को प्रमाणपत्र देने से इनकार कर दिया गया था. गौरतलब है कि इस फिल्म की रिलीज पर दिल्ली हाइकोर्ट ने 30 जून 2015 को रोक लगा थी क्योंकि पहली नजर में इससे धार्मिक भावनाएं आहत होने का खतरा महसूस हो रहा था.

क्रॉसवर्ड ने अपनी याचिका सीबीएफसी द्वारा प्रमाणपत्र जारी न किए जाने और फिर एफसीएटी द्वारा इसमें 10 कट लगाए जाने के 24 नवंबर, 2016 की सलाह के खिलाफ दायर की थी.

असल में यह फिल्म बनारस शहर में सांस्कृतिक क्षरण पर आधारित है और याचिका में दावा किया गया है कि इस फिल्म से विधि-व्यवस्था में किसी तरह समस्या नहीं होगीऐसे में अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि फिल्म मोहल्ला अस्सी को वयस्क दर्शकों के लिए प्रदर्शित किए जाने का ‘ए’ प्रमाणपत्र एक हफ्ते के भीतर जारी किया जाना चाहिए. खास बात यह है कि ‘मोहल्ला अस्सी’ का निर्माण भी रुक-रुककर हुआ है. पहले तो इसके निर्माता के साथ कुछ समस्या हुई और फिर यह फिल्म संवादों में गालियों के इस्तेमाल की वजह से सेंसर बोर्ड की पेंच में फंस गया. दिलचस्प बात यह है कि डॉ. चंद्रप्रकाश द्विवेदी फिल्म के निर्माण के दौरान खुद भी सीबीएफसी के सदस्य थे और तब के सीबीएफसी के मुखिया पहलाज निहलानी के साथ उनकी कुछ खास बनती नहीं थी.

लेकिन अब, जब अभिनेता सनी देओल भी इस फिल्म में दिलचस्पी लेने लगे हैं, यह फिल्म के लंबे समय के बाद रिलीज होने की उम्मीद बंध गई है. जाहिर है, दर्शकों को डॉ. चंद्रप्रकाश द्विवेदी की चिर-परिचित कलात्मकता से भरी यह फिल्म देखने को मिलेगी, जिसमें बनारस को काशीनाथ सिंह की नजर से देखा गया है.