आतंकवाद

जर्मनी के हैम्बर्ग शहर में चल रहे जी20 समिट के दूसरे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सम्मेलन से इतर ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टेरीजा मे से मुलाकात की। इस द्विपक्षीय मुलाकात में पीएम मोदी ने बैंक से भारी कर्ज लेकर ब्रिटेन भागे विजय माल्या जैसे आरोपियों की भारत वापसी में ब्रिटिश पीएम से सहयोग मांगा। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने इस बाबत ट्वीट कर जानकारी दी।

आपको बता दें कि कभी मशहूर शराब कारोबारी रहे विजय माल्या पर भारत के 17 बैंकों का करीब 9,000 करोड़ रुपये बकाया है। माल्या ने अपनी संकटग्रस्त किंगफिशर एयरलाइंस को उबारने के लिए इन बैंकों से कर्ज लिया था, जो उन्होंने चुकाया नहीं। इसके बाद बैंक कंसोर्टियम ने उन्हें देश से बाहर जाने से रोकने की अपील के साथ मार्च 2016 में सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, तो माल्या इंग्लैंड भाग गए। इस बीच भारत सरकार की तरफ उन्हें भारत वापस लाने की कोशिश शुरू की गई और फिलहाल उनके प्रत्यर्पण का केस ब्रिटिश अदालत में विचाराधीन है।

पीएम मोदी ने इससे पहले इटली के प्रधानमंत्री पाओलो जेंटिलोनी और दक्षिण कोरियाई प्रधानमंत्री के साथ भी द्विपक्षीय वार्ता की। इसके साथ ही मेक्सिको, अर्जेंटीना, वियतनाम के नेताओं के साथ भी प्रधानमंत्री की द्विपक्षीय बैठक का कार्यक्रम है।

इसके साथ ही जी20 सम्मेलन में दूसरे दिन दो औपचारिक सत्र हैं, जिसमें दुनिया के शीर्ष नेता विचार विमर्श करेंगे। सम्मेलन के दूसरे दिन तीसरे सत्र में अफ्रीका के साथ भागीदारी, पलायन और स्वास्थ्य पर चर्चा होगी। वहीं दूसरे सत्र में डिजिटलाइजेशन, महिला सशक्तिकरण और रोजगार पर चर्चा होगी।

सम्मेलन के पहले दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने राजनीतिक हितों के लिए आतंकवाद का समर्थन कर रहे राष्ट्रों के खिलाफ वैश्विक स्तर पर ठोस कार्रवाई की अपील की। प्रधानमंत्री ने अलकायदा और आईएसआईएस के साथ लश्कर ए तैयबा एवं जैश ए मोहम्मद को भी बड़ा आतंकवादी संगठन बताया।

आतंकवाद का समर्थन करने वालों पर लगे रोक-
जी20 देशों के नेताओं ने आतंकवाद एवं जलवायु परिवर्तन जैसी समस्याओं के समाधान एवं मुक्त व्यापार जैसे मामलों पर विचार विमर्श किया। ऐसे में, मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ कड़ा संदेश दिया और आतंकवाद का समर्थन करने वाले देशों के अधिकारियों के जी20 देशों में प्रवेश पर रोक लगाने की वकालत की।