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मुंबई: भारत की स्कॉर्पीन श्रेणी की तीसरी पनडुब्बी आईएनएस करंज लॉन्‍च हो गई यानि इसे पानी में उतारा गया. मुंबई के मझगांव डॉक पर आईएनएस करंज को लॉन्‍च किया गया और इस दौरान नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा भी मौजूद थे. इस पनडुब्‍बी का निर्माण मझगांव डॉकयार्ड ने फ्रांस के सहयोग से किया हैं. आधुनिक तकनीक से बनी ये पनडुब्बी कम आवाज से दुश्मन के जहाज को चकमा देने में माहिर है.

पहली स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बी आईएनएस कलवरी को 14 दिसंबर 2017 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नाम समर्पित किया था। कलवरी में पिछली डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बियों की तुलना में बेहतर छुपने वाली प्रौद्योगिकी है। आईएनएस करंज की खास बात यह है कि यह एक स्वदेशी पनडुब्बी है, जो ‘मेक इन इंडिया’ के तहत तैयार की गई है। कलवरी और खांदेरी के बाद ‘करंज’ की ताकत देखकर दुश्मनों के पसीने छूट जाएंगे।

ये है ‘करंज’ की ताकत

अपने आधुनिक फीचर्स और सटीक निशाने की क्षमता वाली स्कॉर्पीन पनडुब्बी ‘करंज’ दुश्मनों को चकमा देकर सटीक निशाना लगा सकती है। करंज की यह खूबी चीन और पाकिस्तान जैसे देशों की मुश्किलें बढ़ा देगा। इसके साथ ही ‘करंज’ टॉरपीडो और एंटी शिप मिसाइलों से हमले भी कर सकती है।

युद्ध की स्थिति में करंज पनडुब्बी हर तरह की अड़चनों से सुरक्षित और बड़ी आसानी से दुश्मनों को चकमा देकर बाहर निकल सकती है। यानी इसमें सतह पर पानी के अंदर से दुश्‍मन पर हमला करने की खासियत भी है। इस पनडुब्‍बी को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि इसे किसी भी तरह की जंग में ऑपरेट किया जा सकता है। यह पनडुब्बी हर तरह के वॉरफेयर, एंटी-सबमरीन वॉरफेयर और इंटेलिजेंस को इकट्ठा करने जैसे कामों को भी बखूबी अंजाम दे सकती है। बता दें कि कंरज पनडुब्बी 67.5 मीटर लंबा, 12.3 मीटर ऊंचा, 1565 टन वजनी है।

जानें करंज की खास बातें

– करंज रडार की पकड़ में नहीं आ सकता है।
– जमीन पर हमला करने में सक्षम है करंज।
– करंज पनडुब्बी में ऑक्सीजन बनाने की भी क्षमता।
– लंबे समय तक पानी में रह सकती है करंज पनडुब्बी।

स्कॉर्पीन श्रेणी की दूसरी पनडुब्बी खांदेरी 12 जनवरी 2019 को लॉन्च की गई थी। फ्रांस की रक्षा व ऊर्जा कंपनी डीसीएनएस द्वारा डिजाइन की गईं पनडुब्बियां भारतीय नौसेना के प्रोजेक्ट-75 के तहत बनाई जा रही हैं। इस प्रोजेक्ट के तहत भारत अगली पीढ़ी की स्वदेशी पनडुब्बियों का निर्माण करेगा। आईएनएस कलवरी के भारतीय नौसेना में शामिल होने से भारत का हिंदमहासागर में दबदवा और बढ़ जाएगा। यह पनडुब्बी नौसेना की ताकत को भी एक अलग सिरे से परिभाषित करेगी।

स्कॉर्पीन श्रेणी की ये हैं पनडुब्बियां 

– स्कॉर्पीन श्रेणी की पहली दो पनडुब्बियां ‘कलवरी’, और ‘खांदेरी’ है। 13 दिसंबर, 2017 को प्रधानमंत्री मोदी ने आइएनएस कलवरी को देश के नाम समर्पित किया था। वहीं, खांदेरी पनडुब्बी को 12 जनवरी, 2017 को लॉन्च किया गया था। कलवरी और खंडेरी पनडुब्बियां आधुनिक फीचर्स से लैस है। यह दुश्मन की नजरों से बचकर सटीक निशाना लगा सकती हैं। इसके साथ ही टॉरपीडो और एंटी शिप मिसाइलों से हमले भी कर सकती हैं।