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सरकार जल्द ही ऑफिस में काम करने वाली लड़कियों और महिलाओं को पीरियड्स के दौरान 3 दिन की मेंसुरेशन लिव दी जाएगी। दोस्तों ये सुविधा भारत में नहीं इटली में दी जाएगी, मगर ये किसी भी देश की लड़की के लिए खुशी की बात है क्योंकि इस टाइप के कानून को धीरे-धीरे दूसरे देशों द्वारा अपनाया जा रहा हैं।

इटली की सरकार अपने महिला कर्मचारियों को माहवारी के दौरान वेतन समेत तीन दिनों की छुट्टी देने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। इस तरह की छुट्टी चीन, जापान, इंडोनेशिया और दक्षिण कोरिया में पहले से है। मगर इटली ऐसी छुट्टी देने वाला पहला पश्चिमी देश हो सकता है।

कुछ लोग इस पर काफ़ी खुश हैं, मगर कई अन्य लोगों का मानना है कि यह महिलाओं के ही ख़िलाफ़ जाएगा। फिलहाल, इटली में काम करने वालों में सिर्फ़ 60 फ़ीसद महिलाएं हैं। यूरोप में महिला कर्मचारियों की औसत तादाद 72 फीसदी है। भारत में बना कानून तो नारी सम्मान की नयी कहानी गढ़ेगा।

वहीं दूसरी ओर यदि भारत में कामकाजी महिलाओं को माहवारी के दौरान छुट्टियां मिलेगीं, ऐसी फिलहाल कोई कल्पना नहीं की गयी है। इतना जरूर है कि हाल ही में संसोधित मातृत्व अवकाश कानून पास हुआ है, जिसके अंतर्गत अब महिलाओं को 12 की बजाय 26 हफ्तों की छुट्टियां मिल सकेंगी।

सरोगेसी से बच्चों को जन्म देने वाली माताओं को भी संशोधित कानून से लाभ मिलेगा। यदि माहवारी के दौरान भी भारत में महिलाओं के लिए छुट्टियां संभव हुईं तो यह नारी सम्मान और उनके सशक्तिकरण की नयी कहानी गढ़ेगा। माहवारी को अमूमन एक निहायत ही मामूली अड़चन माना जाता है। मगर कई महिलाओं को इस दौरान काफ़ी दर्द से गुजरना पड़ता है और कई तो कोई काम ही नहीं कर पातीं हैं।

‘यूगव’ संस्था ने पाया है कि माहवारी के दौरान आधे से ज़्यादा महिलाओं के काम करने की क्षमता प्रभावित होती है। एक चौथाई महिलाओं ने कहा कि इस मामले में वे अपने बॉस को ईमानदारी से बता देती हैं।