रिपोर्टर सुरेश कुमार सविता की रिपोर्ट

देश में यूं तो कई सामाजिक संगठन विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रहे हैं, लेकिन राजधानी दिल्ली में स्वतंत्रता संग्राम के गुमनाम वीर सपूतों और सीमा पर शहीद होने वाले वीरों को पहचान और सम्मान दिलाने के उद्देश्य से सुरेंद्र सिंह बिधूड़ी ने एक गैर लाभकारी राष्ट्रीय संगठन ‘स्वाभिमान देश का’ की स्थापना की है। जिसका नेतृत्व वह स्वयं कर रहे हैं। यह संगठन धर्म, जाति, वर्ग आदि से ऊपर उठकर केवल राष्ट्र के शहीदों और वीरों को समर्पित है। यह संगठन देश के उन वीर शहीदों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर अलख जगाने का काम कर रहा है, जिन्होंने वीरगति प्राप्त की। सुरेंद्र सिंह बिधूड़ी ने देश के शहीदों के सम्मान और स्वाभिमान के प्रति लोगों को जागरुक करना ही अपने जीवन का लक्ष्य बना लिया है।

शहीदों को सम्मान में और अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए सुरेंद्र ने 23 मार्च 2018 को नई दिल्ली से विश्व की ऐतिहासिक ‘शहीद स्वाभिमान यात्रा’ का आगाज़ किया, 15 हजार किमी. की यह यात्रा 90 दिनों यानी 3 माह में देश के समस्त 29 राज्यों में जाएगी। यात्रा के 69 वें दिन जैसे ही ‘शहीद स्वाभिमान यात्रा’ का रथ कानपुर पंहुचा तो यहाँ पर सिख समाज से लेकर हर वर्ग ने यात्रा का गर्मजोशी से स्वागत किया। गुरुद्वार बन्नू साहब के पूर्व प्रबंधक सरदार मोकम सिंह, गुरतेज सिंह, गुरुद्वारा नवाबगंज के प्रबंधक समाजसेवक मान सिंह बग्गा, गुरजीत सिंह व सिख समाज के तमाम लोगों ने फूल बरसा कर यात्रा का स्वागत किया। स्वाभिमान यात्रा की टीम के शहर में 2 दिनों के प्रवास के दौरान उन्होंने शहीद ए आज़म भगत सिंह से जुड़े हर स्थल के दर्शन किये और प्रताप प्रेस को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने की मांग की। बन्नू साहब गुरुद्वारा द्वारा आयोजित संगोष्ठी में समाज के हर वर्ग के लोगों ने शहीदों के प्रति अपने विचार रखे। शहीद ए आज़म भगत सिंह के भतीजे अभय सिंह संधू द्वारा भगत सिंह के अनुज के नाम पर स्थापित सरदार कुलबीर सिंह मेमोरियल फाउंडेशन के उत्तर प्रदेश के प्रभारी अनुज निगम ने भगत सिंह, सुखदेव व राजगुरु को ‘शहीद’ का दर्ज़ा देने के लिए भारत के राष्ट्रपति के नाम अपने खून से लिखे पत्र की एक प्रति भी इस यात्रा का नेतृत्व करने वाले सुरेंद्र सिंह बिधूड़ी को दी। सुरेंद्र ने बताया की इस यात्रा का समापन 25 जून को दिल्ली में होगा लेकिन जब तक हमारी सरकारें भगत सिंह को शहीद का दर्ज़ा नहीं दे देती हमारी लड़ाई ख़त्म नहीं होगी।

‘शहीद स्वाभिमान यात्रा’ के लक्ष्य के कुछ प्रमुख बिंदु इस प्रकार हैं –

शहीद-ए-आज़म भगत सिंह को राष्ट्र पुत्र की उपाधि और देश का सर्वोच्च सम्मान दिया जाए।

देश में भारत मां के वीर सपूत शहीद-ए-आज़म भगत सिंह की सबसे विशाल प्रतिमा की स्थापना करना एक बड़ा लक्ष्य है। जिसके लिए देश के हर राज्य से मिट्टी लाई जाएगी। विशाल प्रतिमा के साथ ही शहीद स्मारक और शहीद संस्थान की स्थापना भी की जाएगी, जहां आने वाले लोगों को देश के स्वतंत्रता संग्राम से लेकर देश के लिए प्राण न्यौछावर करने वाले शहीदों के बारे में विशेषज्ञों द्वारा जानकारी दी जाएगी। यह संस्थान देश की भावी पीढ़ी को राष्ट्रभक्ति का पाठ भी पढ़ाएगा।

देश और देशवासियों की रक्षा के लिए शहीद होने वाले सैनिकों, अर्धसैनिकों और पुलिसकर्मियों को समान रूप से सम्मान मिलना चाहिए। उनके आश्रितों और परिजनों को समान रूप से सारी सुविधाएं दी जाएं।