पूजा

हर जगह पूजा करने का अपना एक अलग ही तरीका होता है। हिन्दू धर्म में 33 करोड़ देवी-देवताओं में सभी इष्ट देवों को एक विशिस्ट स्थान प्रदान किया गया है। पूजा में जप करते समय पूरे विधि-विधान का ध्यान रखना जरूरी होता है। पुराणों में जप से संबंधित कई बातें बताई गई हैं। हम आपको वो बातें बताएंगे

उबासी: उबासी लेना आलस्य की निशानी होती है। जो मनुष्य सुबह उठने के बाद भी उबासी लेता रहता है या नींद की अवस्था में रहता है, उसे भगवान की पूजा-अर्चना करने की मनाही है।

गुस्सा करना: बेवजह या बात-बात पर गुस्सा करना सबसे बड़े अवगुणों में से एक माना जाता है। जो क्रोध का भाव अपने मन में रखता है, वह किसी भी काम में अपना मन नहीं लगा सकता। देव पूजा और साधना के लिए मन का शांत और एकाग्र होना बहुत ही जरूरी होता है।

नशा करना:जो मनुष्य नशा करता है, उसे पुराणों में राक्षस के समान माना गया है। भगवान की पूजा-अर्चना करने से पहले मनुष्य को अपने मन और अपने तन दोनों की शुद्धि करना बहुत जरूरी होता है।

दीपक: जब भी आप पूजा में दीपक जलाये तो उसे खुद से कभी ना बुझाएं ।

इन बातों का भी रखें ध्यान: अपने पूजा स्थल की प्रीतिदिन सफाई करे। शिवजी को पूजा करते समय कभी भी केतकी के फूल ना चढ़ाये। देवी-देवताओं का जप करते समय मनुष्य को अपनी छींक या खांसी पर नियंत्रण रखना चाहिए। भगवान का ध्यान करते समय छींकने से मुंह अपवित्र हो जाता है और अपवित्र मुंह से भगवान का नाम लेना वर्जित माना जाता है।