बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने केन्द्र की नयी मेट्रो नीति को जनविरोधी बताकर उसे जन विरोधी करार दिया है। मायावती ने एक प्रेस रिलीज़ जारी कर बताया कि इससे उत्तरप्रदेश में, विशेष रूप से कानपुर, वाराणसी, इलाहाबाद जैसे शहरों में मेट्रो रेल की स्थापना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन हो जाएगी। इतना ही नहीं लखनउ मेट्रो का पूर्ण विस्तार भी मुश्किल हो जाएगा।

आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कल शाम ही अपनी नई मेट्रो नीति की घोषणा की थी। आपको बता दें कि बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में नई मेट्रो नीति को मंजूरी दी गई थी। जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कल शाम ही अपनी नई मेट्रो नीति की घोषणा की। बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में तय किया गया था कि देश में जल्द मेट्रो विस्तार के लिए इसमें निजी निवेश को बढ़ावा दिया जाएगा। नई नीति में मेट्रो को 600 किमी. बढ़ाने का फैसला किया गया है, सरकार का लक्ष्य 20 लाख से अधिक आबादी वाले 20 शहरों में मेट्रो चलाने का है।

मायावती ने अपने प्रेस रिलीज में मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि मेट्रो 2002 में शुरू हुई थी, तब से लेकर अब तक केंद्र सरकार इसमें राज्यों की मदद करती थी। मगर अब मोदी सरकार ने इससे खुद को अलग कर लिया है। मायावती ने आरोप लगाया है कि अब मेट्रो का निर्माण बड़े कारोबारियों के हाथ में चला जाएगा, जिससे इसके विस्तार पर बहुत अंतर आएगा।

इसके साथ ही मायावती ने यूपी में की गई किसानों की कर्ज माफी को अधूरा वादा बताते हुए कहा कि किसानों की कर्ज माफी का वादा किया गया था। मगर बाद में कहा गया है कि सिर्फ 1 लाख तक के कर्ज माफ किए जाएंगे। ये कदम किसानों के साथ विश्वासघात को दिखाता है।