नकवी

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के उपनिषद और भागवत गीता पढ़ने के बयान पर केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने जवाब उनका कहना है कि सरकार के 3 साल पूरे हो गए हैं और यह बात तो बहुत महत्वपूर्ण है कि राहुल गांधी के मन में परिवर्तन दिखाई दे रहा है। यह बहुत अच्छी बात है कि मोदी जी की सरकार बनने के बाद 3 साल में राहुल गांधी को यह तो समझ में आया कि गीता और उपनिषद पढ़ना पड़ेगा, तभी इस देश को समझना पाएंगे और तभी वह मानवता को समझेंगे।

राहुल गांधी का बयान
राहुल गांधी ने कहा था कि आरएसएस और बीजेपी का मुकाबला करने के लिए आजकल वह उपनिषद और भगवद् गीता पढ़ रहे हैं। पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा कि इन दिनों मैं उपनिषद और गीता पढ़ रहा हूं, क्योंकि मैं आरएसएस और बीजेपी से लड़ रहा हूं।

नकवी ने कहा कि राहुल गांधी को अपने ज्ञान की चिंता करनी चाहिए, उसके बाद उनके पास जो ज्ञान है कहीं ना कहीं वही उनको अज्ञानता के रास्ते पर लेकर जा रहा है। नकवी का कहना है कि राहुल गांधी ने विरोधाभासी बयान दिया है, उन्होंने खुद कहा है कि हम बीजेपी से लड़ने के लिए उपनिषद और भगवतगीता पढ़ रहे हैं, यानी कि उनको इस बात का एहसास है कि बीजेपी राष्ट्रवादी रास्ते पर ही चल रही है और और उस रास्ते पर चलने के लिए जो चीजें हमको प्रेरणा देती है हमको करनी पड़ेगी।

नकवी ने कहा कि अब राहुल उपनिषद और गीता पढ़ने की बात कर रहे हैं. नकवी ने तंज कसते हुए कहा कि एनडीए सरकार के 15 साल पूरे होने तक वह योगा वगैरह भी करना शुरू कर देंगे। ऐसा करने से उनके मन मस्तिष्क में जो नकारात्मक सोच भरी हुई है वह सकारात्मक दिशा की ओर चलने लगेगी। जमीन की हकीकत और जमीन के हालात के बारे में वह सोच सकेंगे और आगे बढ़ पाएंगे।

राहुल गांधी ने बीजेपी पर देश में एक विचारधारा थोपने का आरोप लगाया है इस पर केंद्रीय मंत्री नकवी ने कहा कि देश में राष्ट्रवाद के विचार और देश की तरक्की का विचार लागू है। साथ ही सम्मान और स्वाभिमान का विचार और मजबूत हुआ है। इस विचार में किसी को विरोधाभास कहां हो सकता है, मुझे तो बहुत खुशी हो रही है।

राहुल गांधी के बयान पर पूर्व कानून मंत्री सलमान खुर्शीद का कहना है कि राहुल गांधी ने व्यापक संबंध में यह बयान दिया है, वह बहुत किताबें पढ़ते हैं। उन्होंने जो बयान दिया वह बहुत दूरदर्शी बात है क्योंकि यह किताबें ही हमारी सभ्यता और सोच का है स्तंभ हैं। उनके बयान के राजनीतिक दुरुपयोग किया जा रहा है। राहुल गांधी ने बयान के जरिए एक व्यापक चर्चा का अच्छा संकेत दिया है।