इस्तीफा

बिहार में जारी सियासी खींचतान के बीच सोमवार को लालू प्रसाद यादव के घर आरजेडी की बैठक हुई। जिसमें डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव समेत पार्टी के सभी 80 विधायक शामिल हुए। मीटिंग के बाद तेजस्वी यादव के इस्तीफे के कयासों पर पूर्ण विराम लग गया। पार्टी ने साफ कर दिया कि तेजस्वी यादव का डिप्टी सीएम पद छोड़ने का सवाल ही पैदा नहीं होता।

दूसरी तरफ आरजेडी ने दावा किया कि नीतीश कुमार ने लालू यादव से फोन पर बातचीत की है। हालांकि, ये बातचीत रविवार यानी 9 जुलाई को हुई थी। दोनों के बीच क्या बातचीत हुई, ये खुलकर सामने नहीं आया है। लेकिन उम्मीद की जा रही है कि दोनों के बीच बिहार के सियासी तापमान को लेकर बात हुई है।

माना जा रहा था कि पार्टी मीटिंग में लालू तेजस्वी के खिलाफ कोई सख्त फैसला ले सकते हैं। यानी भ्रष्टाचार के आरोप में घिरे तेजस्वी को डिप्टी सीएम पद से हटाकर विपक्ष को खामोश करने का कदम उठाया जा सकता है। लेकिन मीटिंग में ऐसा कुछ नहीं हुआ। बल्कि पार्टी नेताओं ने मजबूती से तेजस्वी यादव के बने रहने का दावा किया है।

मंगलवार को जेडीयू की मीटिंग-
इन सियासी सरगर्मियों के बीच मंगलवार को नीतीश कुमार जेडीयू नेताओं के साथ मीटिंग करेंगे। सूत्रों के अनुसार पार्टी इस मीटिंग के जरिए महागठबंधन के सवाल पर कोई बड़ा फैसला ले सकती है। तेजस्वी यादव को डिप्टी सीएम बनाए रखने के आरजेडी के फैसले के बाद नीतीश कुमार के प्रतीकात्मक बागी तेवरों को और हवा मिल सकती है। ऐसे में आरजेडी-जेडीयू गठबंधन के भविष्य पर भी खतरे के बादल और गहरा सकते हैं।

विपक्ष की मीटिंग में नहीं लेंगे हिस्सा-
नीतीश कुमार की गैर एनडीए दलों से दूरी एक बार फिर सामने आ गई है। मंगलवार को दिल्ली में उप राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को होने वाली विपक्षी खेमों की बैठक में नीतीश कुमार हिस्सा नहीं लेंगे। इससे पहले नीतीश राष्ट्रपति उम्मीदवार को लेकर बुलाए गए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के लंच में भी शामिल नहीं हुए थे। वहीं नीतीश कुमार सार्वजनिक मंच से ये भी कह चुके हैं कि कांग्रेस से उन्हें कुछ सीखने की जरूरत नहीं है क्योंकि वो खुद महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरू के बताए रास्तों से भटक चुकी है। ऐसे में इस बात का अंदेशा है कि मंगलवार को होने वाली जेडीयू की मीटिंग से कोई बड़ी खबर सामने आ सकती है।