महिलायें

कट्टर मुस्ल‍िम सोच रखने वाले पाकिस्तान में रग्बी टीम भी है। आप को लग रहा होगा इसमें क्या खास है तो हम आपको बता दें कि कट्टर मुस्ल‍िम सोच रखने वाले पाकिस्तान में ये रग्बी टीम पुरुषों नहीं बल्कि महिलाओं की है। क्योंकि पाकिस्तान में महिलाओं को घर से बाहर निकलने और स्कूल जाने तक की पाबन्दी है। एसे में पाकिस्तान में रग्बी टीम होना मतलब सारे प्रतिबंधो को तोड़कर बाहर निकलना।

आपको बता दें कि ये पाकिस्तानी रग्बी टीम पिछले साल ही तैयार हुई है। इस रग्बी टीम ने पिछले सप्ताह ही अपना पहला इंटरनेशनल मैच लाओस में खेला है। एशिया रग्बी वीमेन्स सेवेन्स ट्रॉफी में हो रहे टूर्नामेंट में इस पकिस्तान की महिला रग्बी टीम ने खेला है।

टीम की खिलाड़ी मेहरु खानकिस्तान का कहना है कि पाकिस्तान में महिलाओं का रग्बी खेलना बड़ी बात है। अल जजीरा को मेहरु ने बताया कि महिलाओं को नया प्लैटफॉर्म मिला है, जहां वो परफॉर्म कर सकती हैं और अपने देश को रिप्रजेंट कर सकती हैं। वैसे तो रग्बी खेलना बड़ी बात नहीं है। लेकिन पाकिस्तान की महिलाओं के लिए यह बहुत बड़ी बात है।

रग्बी सीखने वाली महिलाओं में टीचर्स और स्टूडेंट्स हैं। पाकिस्तान रग्बी यूनियन ने साल 2016 में 50,000 से ज्यादा लोगों को रग्बी की ट्रेनिंग दी थी। इसमें एक तिहाई महिलाएं थीं।

अंतरराष्ट्रीय मैच में पाकिस्तान की महिला रग्बी टीम हार गई पर हौसले बुलंद हो गए। इन्होंने 6 में दो गेम जीते और 4 गेम हार गईं। पर अपने रियल गोल में जीत गईं, जो कि महिलाओं को जागरुक करना था।