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नई दिल्लीः दलितों पर अत्याचार के खिलाफ और साम्प्रदायिक सौहार्द को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी आज उपवास पर बैठे। राजघाट पहुंचकर राहुल ने पहले बापू को श्रद्धांजलि दी। कांग्रेस का आज सुबह पूरे देश में अनशन शुरू हो गया। राजधानी के राजघाट स्थित बापू की समाधि के सामने दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन तथा अन्य वरिष्ठ नेता और कार्यकर्त्ता बड़ी संख्या में अनशन पर बैठे।उल्लेखनीय है कि कांग्रेस ने अपने नेताओं और कार्यकर्त्ताओं को देशभर में पार्टी मुख्यालयों पर आज उपवास रखने को कहा है।

टाइटलर और सज्जन को भेजा वापिस
राहुल के राजघाट पहुंचने से पहले ही 1984 में हुए सिख दंगों के आरोपी कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर और सज्जन कुमार राजघाट पहुंच गए। इसको लेकर वहां विवाद हो गया। स्थिति को भांपते हुए माकन ने टाइटलर के कान में कुछ कहा जिसके बाद सज्जन कुमार और वे राजघाट से चले गए। हालांकि टाइटलर ने इतना जरूर कहा कि उसके खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं है।

भाजपा 12 को रखेगी उपवास
दिलचस्प बात यह है कि भाजपा भी विपक्ष पर संसद न चलने देने का आरोप लगाते हुए 12 अप्रैल को अपने सांसदों को उपवास का निर्देश दे चुकी है। सरकार ने विपक्ष पर फूट डालने की राजनीति करने का आरोप लगाया है। संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने कहा कि कांग्रेस लोकतंत्र का गला घोट रही है। सभी भाजपा सांसद अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में 12 अप्रैल को एक दिन का उपवास रखेंगे। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने भी गत शुक्रवार को इसकी घोषणा की थी।

दलित वोट बैंक पर नजर
भाजपा और कांग्रेस भले ही खुद को दलित हितैषी बता रही हो लेकिन इसमें कोई दोराय नहीं कि दोनों ही दलों की नजर 2019 में दलित वोट बैंक पर है। दोनों ही दल इस वोट बैंक को अपने पाले में करने की हरसंभव कोशिश करने में लगे हुए हैं। आगामी आम चुनावों में दलित वोट दोनों पार्टियों के लिए काफी अहम है। इसलिए एससी/एसटी ऐक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर दोनों पार्टियां दलितों के पक्ष में ही आवाज उठा रही हैं। भाजपा-कांग्रेस, सपा और बसपा कोई भी दल दलितों को नाराज करने के पक्ष में नहीं है। इसका ताजा उदाहरण भारत बंद के दौरान खुद राहुल गांधी ने भी दलितों का समर्थन किया था और बीएसपी चीफ मायावती ने भी दलितों पर कथित उत्पीड़न को लेकर केंद्र और यूपी सरकार पर निशाना साधा था।