कांग्रेस पार्टी के उपाध्यक्ष राहुल गाँधी जिला प्रशासन से इजाजत नहीं मिलने बावजूद सड़क मार्ग से सहारनपुर के लिए दिल्ली से निकले। राहुल गांधी का काफिला दिल्ली से निकलकर करनाल होते हुए यमुनानगर के रास्ते सहारनपुर की तरफ रवाना हुआ। राहुल गांधी शनिवार दोपहर उत्तर प्रदेश-हरियाणा बॉर्डर पर स्थित सरसावा पहुंचे जहां उन्होंने कुछ पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। इस दौरान वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद और यूपी कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर भी उनके साथ मौजूद रहे।

प्रशासन ने राहुल की इस यात्रा के मद्देनजर यूपी-हरियाणा सीमा पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर रखा था। सहारनपुर की सीमा में प्रवेश को लेकर उनकी पुलिस अधिकारियों के साथ बहस भी हुई। पार्टी सूत्रों ने कहा कि राहुल सुबह में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करने के बाद सड़क मार्ग से सहारनपुर के शब्बीरपुर गांव रवाना हुए।

जिला प्रशासन ने राहुल के हेलीकॉप्टर को सहारनपुर में उतारने की इजाजत नहीं दी थी। इसलिए वह सड़क मार्ग से सहारनपुर पहुंचे। शुक्रवार को सहारनपुर के शब्बीरपुर पहुंचे कांग्रेस नेता पीएल पुनिया ने कहा कि अगर प्रशासन अनुमति नहीं देता है तो भी राहुल सहारनपुर जरूर पहुंचेगें।

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘वे गरीबों, दलितों और आदिवासियों की आवाज दबा नहीं सकते। राहुल गांधी और कांग्रेस उनकी आवाज उठाते रहेंगे। कोई भी हिंसा के पीड़ितों तक राहुल को पहुंचने से नहीं रोक सकता. यह हिंसा भाजपा के गुंडों के द्वारा कराई गई हैं।’

मामला जानें
5 मई को शब्बीरपुर में दलितों के मकानों को आग लगा दी गई थी और झड़पों में एक व्यक्ति की मौत हो गई। इसके बाद 9 मई को हिंसा फिर भड़की जिसमें पुलिस के करीब एक दर्जन वाहनों में आग लगा दी गई और 12 पुलिसवाले घायल हो गए। बीते 23 मई को एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी गई और दो अन्य को घायल कर दिया। इसके बाद सरकार सरकार ने एसएसपी और डीएम को निलंबित कर दिया तथा मंडलायुक्त एवं उप पुलिस महानिरीक्षक का तबादला कर दिया। केंद्र सरकार ने शांति बहाली में राज्य सरकार की मदद के लिए करीब 400 दंगा रोधी पुलिसकर्मिसों को सहारनपुर भेजा है।