CAG

नियंत्रक एवं लेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है कि रेल में मिलने वाला खाना इंसान के खाने के लायक नहीं है। रिपोर्ट में बताया गया है कि रेलवे स्टेशनों पर जो खाने-पीने की चीजें परोसी जा रही हैं, वो इंसानी इस्तेमाल के काबिल ही नहीं हैं। ट्रेनों और स्टेशनों पर परोसी जा रही चीजें प्रदूषित हैं।

सीएजी और रेलवे की ज्वाइंट टीम ने 74 स्टेशनों और 80 ट्रेनों का मुआयना करने के बाद इस रिपोर्ट को तैयार किया है। बता दें कि भारतीय रेलवे की कैटरिंग सर्विस पर कैग की ऑडिट रिपोर्ट शुक्रवार को संसद में रखी जानी है।

रिपोर्ट के मुताबिक डिब्बाबंद और बोतलबंद चीजों को एक्सपायरी डेट के बावजूद बेचा जा रहा है। जांच में यह भी पाया गया कि रेलवे परिसर और ट्रेनों में साफ-सफाई का बिल्कुल ध्यान नहीं रखा जा रहा। रेल में यात्रियों को दी जा रही खाद्य वस्तुओं के संबंध में ठेकेदारों ने कीमतों के साथ समझौता किया और गुणवत्ता मानकों पर ध्यान नहीं दिया।

CAG की सिफारिशें
1) रसोईयानों के निर्माण के दौरान इसमें गैस बर्नर से विद्युत ऊर्जा उपकरणों के अंतरण की नीति को ध्यान में रखा जाए।

2) लंबी दूरी की ट्रेनों के मामले में नीति के अनुसार रसोईयानों के प्रावधान पर विचार किया जाए।

3) आईआरसीटीसी को स्टेशनों पर पर्याप्त संख्या में सस्ता जनता खाना प्रदान करने के लिये दायित्वबद्ध किया जाए।

4) यात्रियों के बीच इसे प्रभावी रूप से प्रचारित किया जाए।

5) रेलवे खानपान इकाईयों को आईआरसीटीसी को हस्तांतरित करने की प्रक्रिया को सुगम बनाया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि क्षेत्रीय रेलवे अपने दायित्वों का वहन करे।