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नई दिल्ली: जी हाँ ये सुनकर आपको आश्चर्य तो ज़रूर हुआ होगा लेकिन ये सच है। सेक्स का दाम्पत्य जीवन में महत्वपूर्ण स्थान है। आजकल की भाग-दौड़ भरी ज़िंदगी में आदमी के पास सेक्स के लिए वक़्त ही नहीं है। नतीजा ये कि व्यक्ति की पर्सनल लाइफ डिस्टर्ब हो जाती है। रिश्तों में तनाव बढ़ता है और नतीजा तलाक तक पहुँच जाता है। शोध के अनुसार अगर आदमी की पर्सनल लाइफ खुशहाल है तो उसकी काम करने की क्षमता बढ़ती है।

इस बात को समझा स्वीडन सरकार ने और अब वो अपने कमर्चारियों को काम के बीच 1 घंटे का सेक्स ब्रेक देने पर विचार कर रही है।

स्वीडन में एक स्थानीय काउंसलर की बॉडी ने ये सुझाव दिया है कि स्वीडन के नागरिकों को एक घंटे का सेक्स ब्रेक मिलना चाहिेए, जिससे वो घर जाकर अपने पार्टनर के साथ सेक्स कर सकें और अपने पर्सनल लाइफ का भी आनंद ले सकें। ऐसा करने के पीछे काउंसल का उद्देश्य है कि इससे लोगों के निजी संबंघ बेहतर होंगे।

मगर उन्होंने इस बात पर भी विशेष जोर दिया कि सेक्स के लिए मिले समय को कर्मचारियों को सेक्स के लिए ही इस्तेमाल करना होगा. कर्मचारियों को ये सुनिश्चित करना होगा कि एक घंटे के सेक्स ब्रेक का इस्तेमाल किसी अन्य काम के लिए न करें. इसके अलावा उन्होंने कहा कि ‘संबंधित मालिकों को कर्मचारियों पर भरोसा करना होगा.

भारतवासियों को ये पढ़कर हताशा ज़रूर हुई होगी लेकिन क्या पता स्वीडन में ये क़ानून लागू होने के बाद दूसरे देश भी इस ज़रूरत को समझने लगें और अपने देश में भी ऐसा ही कोई क़ानून बन जाए।