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लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी में हुए बहुचर्चित विवेक तिवारी हत्याकांड में अब एक नया मोड़ सामने आया है। पुलिस की एसआईटी ने जांच में खुलासा किया है कि एप्पल कंपनी के सेल्स मैनेजर की कार सिपाहियों की बाइक से नहीं टकराई थी। लेकिन दूसरी तरफ बाइक का क्षतिग्रस्त होना पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा कर रहा है। टीम द्वारा कार की दोबारा जांच में पता चला है कि गाड़ी पिल्लर के साथ टकराने से क्षतिग्रस्त हुई थी ना की बाइक के साथ टक्कर होने से।

PunjabKesariमामले की जांच कर रही टीम के सदस्यों का दावा है कि अगर कार की बाइक से हल्की भी टक्कर हुई होती तो कार का बांया हिस्सा क्षतिग्रस्त हुआ होता, लेकिन गाड़ी की बाईं तरफ तो सारा कुछ ठीक-ठाक है। मामले में हैरान करने वाली बात यह है कि पुलिसकर्मियों की बाइक के दाएं हिस्से का हैंडल टूटकर निकल गया है और बाईं तरफ तो बाइक को कुछ हुआ भी नहीं था। बताया जा रहा है कि जिस तरह से बाइक ही हालत है एेसा तो किसी चीज से जोरदार टक्कर होने के बाद ही होता है। इसलिए निष्पक्ष जांच के लिए बाइक का मुआयना परिवहन विभाग की टेक्निकल टीम से करवाया गया था।

PunjabKesariबताया जाता है कि विवेक तिवारी हत्याकांड में अब तक दो एफआईआर दर्ज हो चुकी है। जिसमें पहली एफआईआर मामले की एकमात्र चश्मदीद गवाह सना की तरफ से दर्ज कराई गई थी। इसमें किसी को नामजद नहीं किया गया था, आरोपी को अज्ञात बताया गया था। दूसरी एफआईआर तिवारी की पत्नी की तरफ से दर्ज की गई, जिसमें दोनों सिपाहियों को नामजद किया गया है।