पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने शनिवार को कोलकाता से मालदा तक ट्रेन से सफर किया। लेकिन 15 साल बाद ट्रेन का सफर उन्हें रास नहीं आया और जिस ट्रेन में बैठे, उसमें उनकी एक व्यक्ति से बहस हो गयी। यह बहस ट्रेन में सीट को लेकर हुई थी। कोलकाता से मालदा तक ट्रेन से सफर के बाद उन्होंने कोलकाता के पास अपनी एक कांस्य की मूर्ति का अनावरण किया।

दरअसल, गांगुली को उत्तर बंगाल के बालुरघाट में मूर्ति का अनावरण करना था। इस दौरान वह पदातिक एक्सप्रेस से एसी फर्स्ट क्लास में गए और वहां एक व्यक्ति गांगुली की सीट पर पहले से ही बैठा था। इस दौरान गांगुली के साथ बंगाल क्रिकेट संघ के संयुक्त सचिन अभिषेक डालमिया भी थे। सूत्रों के अनुसार गांगुली ने जब उस व्यक्ति से सीट से हटने को कहा तो वह व्यक्ति नहीं उठा और बहस करने लगा। जिसके बाद सौरव ट्रेन से ही उतर गए। बाद में सौरव को एसी-2 की एक सीट दी गई।

कार्यक्रम के दौरान सौरव गांगुली ने कहा कि, ‘मैंने इससे पहले 2001 में ट्रेन से सफर किया था, ऐसा करीब 15 साल बाद हुआ है।”