US and North Korea Flag

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच विवाद को बड़े युद्ध में तब्दील होने की चेतावनी दी है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि उत्तर कोरिया पर दबाव बढ़ाने के घातक परिणाम सामने आ सकते हैं। किसी पूर्व शर्त, आक्रामकता, भड़काऊ बयान से मामला बिगड़ भी सकता है। कोरियाई प्रायद्वीप के हालात बिगड़ रहे हैं। इसलिए दोनों पक्ष सीधे वार्ता के जरिए मतभेद और समस्याओं को सुलझाएं।

पुतिन ने चीन में होने वाले ब्रिक्स सम्मेलन से पहले लिखे लेख में यह चेतावनी दी है। यह लेख क्रेमलिन की वेबसाइट पर डाला गया है, जबकि फ्रांस ने उत्तर कोरिया के लंबी दूरी की बैलेस्टिक मिसाइल बनाने को लेकर आगाह किया है। इस बीच, स्पेन की सरकार ने मिसाइल परीक्षण को लेकर उत्तर कोरिया के राजदूत किम होक चोल को निष्कासित कर दिया है।

उधर, फ्रांस के विदेश मंत्री जीन-वेस ली ड्रायन ने कहा है कि उत्तर कोरिया जिस तरह से उद्देश्य बनाकर गंभीर प्रयास कर रहा है, उससे वह कुछ ही महीनों में लंबी दूरी की बैलेस्टिक मिसाइल बनाने में सक्षम हो जाएगा। यह जानकारी उन्हें अपने खुफिया तंत्र से हासिल हुई है। ड्रायन ने कहा कि, ‘उत्तर कोरिया खुद को दुनिया में कहीं भी परमाणु हमला करने में सक्षम बनाना चाहता है, जो बहुत खतरनाक उद्देश्य है। आज वह अमेरिका और कुछ हद तक यूरोप पर हमला करना चाहता है। मगर किसी दिन उसके निशाने पर जापान और चीन भी होंगे। यह स्थिति विस्फोटक हो सकती है।’

फ्रांस ने चीन से अनुरोध किया है कि वह अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके मित्र राष्ट्र को हथियारों के विकास से रोके। ली ड्रायन ने यह बात पेरिस में चीनी विदेश मंत्री वांग ई के साथ वार्ता में कही थी। लंबी दूरी की बैलेस्टिक मिसाइल 10 हजार किमी की दूरी तक निशाना लगाने में सक्षम होती है। इस बीच, अमेरिकी रक्षा मंत्री जिम मैटिस ने उत्तर कोरिया के मामले पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से किसी तरह के मतभेद से इनकार किया है।

उत्‍तर कोरिया यात्रा पर प्रतिबंध प्रभावी ट्रंप प्रशासन द्वारा अमेरिकी नागरिकों की उत्तर कोरिया यात्रा पर लगाया गया प्रतिबंध शुक्रवार से प्रभावी हो गया है। यह प्रतिबंध जून में हुई अमेरिकी छात्र ओट्टो वार्मबियर की मौत के बाद लगाया गया था। उत्तर कोरिया में वार्मबियर को राष्ट्र विरोधी पोस्टर बनाने के आरोप में गिरफ्तार करके 15 साल के कारावास की सजा दी गई थी। कारावास में उसके साथ जो क्रूरता हुई उससे वह कोमा में चला गया। उसी अवस्था में उसे इलाज के लिए रिहा किया गया। इसके बाद में अमेरिका में वार्मबियर की मौत हो गई थी।