Power workers

सातवां वेतनमान दिए जाने और सरकारी बिजलीघर बंद न करने सहित पांच सूत्री मांगों को लेकर बिजली विभाग के इंजीनियरों और कर्मचारियों ने 12 सितंबर से पूर्ण कार्य बहिष्कार की चेतावनी दे दी है। फिर भी सुनवाई न होने पर उत्पादन गृहों के शिफ्ट कर्मचारियों को भी शामिल कर विद्युत उत्पादन ठप करने की भी तैयारी है। कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा से हस्तक्षेप की अपील की है।

बिजली कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के 15 संगठनों और श्रम संघों की संयुक्त कार्यकारिणी की बैठक में मंगलवार को आंदोलन का फैसला किया गया है। बैठक के बाद शक्ति भवन तक मार्च कर प्रबंधन को ज्ञापन सौंपा गया है। समिति पदाधिकारियों ने बताया है कि 12 सितंबर के कार्य बहिष्कार से पहले 30 अगस्त को सभी परियोजना व जिला मुख्यालयों पर बिजली कर्मचारी सत्याग्रह और विरोध सभाएं करेंगे। समिति की मांग 18 फरवरी 2009 की स्थिति बनाए रखते हुए सभी कार्मिकों को पहले की तरह प्रारंभिक वेतन वृद्धियां व तीन समयबद्ध वेतनमान प्रदान करने की है।

इसके साथ ही 14 जनवरी 2000 के बाद नियुक्त सभी कार्मिकों के लिए पुरानी पेंशन प्रणाली लागू करने और संविदा कर्मियों को सीधे ऊर्जा निगमों से भुगतान किए जाने की मांग भी शामिल है। सभा में जीके मिश्र, सदरुद्दीन राना, आरएस राय, राजपाल सिंह, राजेंद्र घिल्डियाल व सुहैल आबिद सहित अन्य मौजूद थे।