colonel Purohit

मालेगांव ब्लास्ट केस में आरोपी कर्नल श्रीकांत प्रसाद पुरोहित नवी मुंबई की तालोजा जेल से रिहा होने के बाद सेना की दक्षिण कमान यूनिट (खुफिया विंग) को रिपोर्ट की। हालांकि कर्नल पुरोहित पर अनुशासनात्मक और निगरानी (डिसिप्लिनरी एंड विजिलेंस) प्रतिबंध लागू रहेगा यानी वह निलंबन के तहत यूनिट में रहेंगे। उनको किसी सक्रिय ड्यूटी पर नहीं तैनात किया जाएगा। उनकी आवाजाही पर भी कुछ प्रतिबंध लगेंगे यानी कुल मिलाकर वह ओपेन अरेस्ट रहेंगे। वहीं, सेना के सूत्रों का कहना है कि आतंकियों से पुरोहित की जान को खतरा है, जिसके मद्देनजर उन्हें कड़ी सुरक्षा में रखा गया।

इससे पहले कर्नल पुरोहित नौ साल से जेल में बंद थे, उनको लेने के लिए सेना के कई अधिकारी जेल में पहुंचे। पुरोहित को सुप्रीम कोर्ट से सोमवार को ही बेल मिल गई थी। जेल से रिहा होने के बाद कर्नल पुरोहित ने कहा है कि “जय हिंद, मुझे आर्मी जो भी आदेश देगी मैं उसका पालन करूंगा।” मंगलवार को कर्नल पुरोहित ने कहा था कि वह बाहर आने पर काफी खुश हैं। वह आगे भी देश की सेवा करना चाहते हैं। 2008 में हुए इस ब्लास्ट में छह लोग मारे गए थे। पुरोहित को सशर्त जमानत दी गई है।

किसी भी तरह के आतंकी हमले से सुरक्षा के लिए कर्नल पुरोहित को मजबूत सुरक्षा में रखा गया है। वह पुणे स्थित सेना की पेरेंट यूनिट जा सकते हैं। वहीं, कर्नल पुरोहित बिना कोर्ट की अाज्ञा के विदेश नहीं जा सकते हैं। पुरोहित नवी मुंबई के तलोजा जेल में बंद थे। इससे पहले इसी साल 25 अप्रैल को बॉम्बे हाई कोर्ट ने कर्नल पुरोहित की जमानत याचिक को रद्द कर दिया था। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट में जमानत की अर्जी दी गई थी। वहीं ब्लास्ट की दूसरी आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह को बॉम्बे हाई कोर्ट ने जमानत दे दी थी।

इस मामले की जांच पहले एटीएस के पास थी, जिसके बाद जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी को सौंपी गई। एनआईए ने साध्वी प्रज्ञा को क्लीन चिट दी थी, जबकि कर्नल पुरोहित की बेल का विरोध किया गया था। एनआईए का मानना है कि जो आरोप पुरोहित के खिलाफ हैं, वो गंभीर प्रकृति के हैं। एनआईए का मानना था कि कर्नल पुरोहित को बेल मिलने का ये सही समय नहीं है।

जानें क्या था मामला-
आपको बता दें कि 29 सितंबर, 2008 में महाराष्ट्र के मालेगांव में हुए ब्लास्ट में 6 लोग मारे गए थे, जबकि 79 लोग गंभीर रुप से घायल हुए थे। इस मामले में दायर की गई चार्जशीट में 14 आरोपियों के नाम थे। ब्लास्ट के लिए आरडीएक्‍स देने और साजिश रचने के आरोप में साध्वी प्रज्ञा और कर्नल प्रसाद पुरोहित को गिरफ्तार कर लिया गया था।