एयर इंडिया के निजीकरण के फैसले के बाद अब खबर है कि एयरलाइंस अपने 40 हजार कर्मचारियों में से तीन चौथाई से ज्यादा यानी करीब 15 हजार को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) की पेशकश करने का प्रस्ताव तैयार कर रही है। एक न्यूज पोर्टल में छपी खबर के अनुसार दो सरकारी अधिकारियों ने इस बात की जानकारी दी है।

एक अधिकारी के मुताबिक एयर इंडिया ने आठ बोइंग 787 वाइड-बॉडी एयरक्राफ्ट को पट्टे पर देने के प्रस्ताव को रद्द करके अपने विस्तार को भी स्थ​गित कर दिया है। एयर इंडिया बोर्ड ने अप्रैल में प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी, मगर आगे कुछ नहीं किया गया था।

कंपनी अधिकारी ने कहा कि अभी कुछ भी अंतिम तौर पर तय नहीं है, मगर हमारा मकसद जितना हो सके रणनीतिक बिक्री को आसान बनाना है। इसके साथ ही कहा कि किसी भी नए निवेश को रोक दिया जाएगा।

वीआरएस पर मांगी रिपोर्ट-
एयर इंडिया की योजनाओं से परिचित दो सरकारी सूत्रों के अनुसार नागर विमानन मंत्रालय और एयर इंडिया के वरिष्ठ अधिकारियों से कहा गया है कि एयरलाइन के 40 हजार कर्मचारियों में से 15 हजार को वीआरएस कैसे दी जा सकती है, इसे लेकर वे एक रिपोर्ट तैयार करें।

एक ​वरिष्ठ कंपनी अधिकारी ने बताया कि आॅफिस स्टाफ, ग्राउंड हैंडलर्स समेत कई लोग सालों से एयरलाइन के लिए काम कर रहे हैं। उनके विरोध को रोकने के लिए उन्हें वीआरसी की पेशकश करने की जरूरत है।

वहीं, मंगलवार को एयर इंडिया के अध्यक्ष श्री लोहानी कर्मचारियों को आश्वस्त करते हुए पत्र लिखा है कि सरकार और एयरलाइन प्रबंधन ‘आपके वास्तविक और जायज हितों की रक्षा करना चाहते हैं।’ कंपनी प्रवक्ता ने इस पत्र की पुष्टि की है।