सिक्किम विवाद

चीन के साथ सिक्किम विवाद और कश्मीर के हालात की जानकारी देने के लिए बुलाई गई ऑल पार्टी मीटिंग शुरू हो गई है। इस मीटिंग में राजनाथ सिंह, सुषमा स्वराज के साथ ही एनएसए अजित डोभाल और फॉरेन सेक्रेटरी भी मौजूद हैं। इसके पहले सुबह सुषमा स्वराज, अरुण जेटली, अमित शाह और डोभाल ने राजनाथ सिंह के आवास पर एक मीटिंग की थी। सोमवार (17 जुलाई) से संसद के मानसून सेशन की शुरुआत हो रही है। इससे सरकार के इन मुद्दों पर विपक्ष को विश्वास में लेने और आम सहमति बनाने की कवायद के रूप में देखा जा रहा है। चीन ने भारत के सामने रखी है शर्त…

चीन सिक्किम सेक्टर के डोकलाम इलाके को अपना बताकर यहां सड़क बना रहा है। भारत और भूटान ने इसका विरोध किया है। भारतीय जवानों के साथ-साथ चीनी आर्मी ने धक्कामुक्की भी की थी। चीन ने विवाद को खत्म करने के पहले भारतीय जवानों को यहां से वापस बुलाने की शर्त रखी है। बीजिंग ने कहा है कि जब तक भारत ऐसा नहीं करता, उससे इस मुद्दे पर कोई बात नहीं होगी। यदि भारत ने जवानों को नहीं हटाया तो हालात और बिगड़ सकते हैं। कुछ दिन तक नाथू-ला पास से होने वाली कैलाश मानसरोवर यात्रा भी रोक दी गई थी। भारत इस इलाके को डोक-ला, भूटान डोकलाम और चीन इसे अपना बताकर डोंगलांग रीजन का हिस्सा बताता है।

आपको बता दें कि पिछले दिनों एक चीनी एम्बेसडर के साथ राहुल गांधी और कुछ कांग्रेस नेताओं की तस्वीर सामने आई है। कांग्रेस ने पहले इस मुलाकात से इनकार किया, मगर बाद में पार्टी ने मीटिंग की बात कन्फर्म की।

जेटली ने क्या कहा था?
डिफेंस मिनिस्टर अरुण जेटली ने कुछ दिन पहले कहा था कि चीन बार-बार हमें 1962 युद्ध में हार की याद दिलाता है, मगर उन्हें अच्छी तरह जान लेना चाहिए कि हालात बदल चुके हैं, ये आज का भारत है, 1962 का नहीं।

सिक्किम में इस बार चीन को रोकना क्यों जरूरी? क्यों हुई थी 1962 की जंग?
भारत-चीन बॉर्डर विवाद 1959 से है। तब चीन ने भारत के 50 हजार वर्गमील इलाके पर हक जताया था। टकराव नहीं थमा, तो 1962 में चीन ने भारत पर हमला कर दिया। भारत यह जंग हार गया। अब चीन के साथ सिक्किम बॉर्डर पर करीब एक महीने से टकराव चल रहा है। यहां चीन सड़क बना रहा है। यदि यह काम पूरा हो गया, तो भारत के लिए खतरा साबित होगा। अक्साई चिन और अरुणाचल बॉर्डर पर अंग्रेजों के वक्त से विवाद था।

कश्मीर के इन मुद्दों पर होगी चर्चा-
1.) जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में सोमवार रात आतंकवादियों ने अमरनाथ यात्रियों की बस पर हमला किया था। इसमें 7 श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि 19 जख्मी हुए थे।
2.) पिछले साल 8 जुलाई को हिज्बुल आतंकी बुरहान वानी के एनकाउंटर के बाद घाटी के चार जिले- पुलवामा, कुलगाम, शोपियां और अनंतनाग में 4-5 महीने तक हिंसक प्रदर्शन हुआ था। इस दौरान झड़पों में 2 पुलिसवालों समेत 6 लोगों की मौत हुई। 9 अप्रैल को श्रीनगर लोकसभा सीट के बायपोल के दौरान भी हिंसा प्रदर्शन और पथराव हुआ।
3.) कश्मीर में आतंकी घटनाओं को लेकर राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है। बुधवार को राहुल ने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी कश्मीर में आतंकियों के लिए जगह तैयार कर रहे हैं। उन्होंने शार्ट टर्म राजनीतिक फायदे के लिए BJP-PDP अलायंस किया। इसकी कीमत देश के निर्दोष लोगों को चुकानी पड़ रही है।