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गुरुग्राम, गुरुग्राम के रेयान इंटरनेशनल स्कूल में हुए प्रद्युम्न मर्डर केस के आरोपी बस कंडक्टर अशोक कुमार 76 दिनों तक हिरासत में रहने के बाद आखिरकार घर पहुंच गया। बुधवार को ही कोर्ट ने उसे जमानत दे दी थी। रिहाई के बाद अशोक ने कहा कि उसे लिका पर पूरा विश्वास है।

रिहाई के बाद अशोक ने हरियाणा पुलिस की ज्यादती के बारे में बड़ा खुलासा किया। अशोक ने बताया कि  पुलिस ने थर्ड डिग्री देकर जुर्म कबूल करने के लिए मजबूर किया। इसके लिए उसे हिरासत में बिजली के झटके भी दिए गए। अशोक की मानें तो जुर्म कबूलने के लिए उसे नशा भी दिया जाता था।

इससे पहले प्रद्युम्न हत्याकांड में एसआइटी द्वारा गिरफ्तार रेयान इंटरनेशनल स्कूल भोंडसी का बस हेल्पर रहा अशोक बुधवार को अपने घर घामडोज पहुंचा। घर में परिवार के सदस्य उसका बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। घामडोज पहुंचते ही उसे देखने के लिए भीड़ लग गई।

 

अखोक कुमार के वकील मोहित वर्मा ने कहा कि प्रद्युम्न के पिता वरुणचंद ठाकुर की जिद की वजह से जांच एसआइटी से सीबीआई के पास चली गई। यदि जांच सीबीआई के पास नहीं जाती तो सच्चाई सामने नहीं आती। सीबीआइ ने बस सहायक अशोक को निर्दोष मान लिया है।