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आईएएस अधिकारी अनुराग तिवारी की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के मामले में लखनऊ पुलिस ने पांच पुलिस अधिकारियों की एसआईटी का गठन कर दिया है। इस टीम को 72 घंटे में अपनी जांच रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है। इस टीम को कहा गया है कि वह घटना के हर पहलू की गहन जांच करें और अपनी रिपोर्ट 72 घंटे में उन्हें सौंपे। एसआईटी ने अपनी जांच तेजी से शुरू कर दी है।
आईएएस अधिकारी अनुराग तिवारी की मौत की जांच सीबीआई से कराने की मांग तेज होती जा रही है। इस संबंध में मृतक अफसर के परिजनों ने पीएम नरेंद्र मोदी एक ईमेल भेजा है। इस मामले में परिजन आज लखनऊ में केस भी दर्ज कराएंगे। इससे पहले कर्नाटक से सांसद शोभा करंदलाजे ने यूपी के सीएम आदित्यनाथ को पत्र लिखकर इस केस जांच सीबीआई से कराने की मांग की थी।
सांसद शोभा करंदलाजे ने लिखा था कि कर्नाटक के नगवार में फूड एंड सप्लाई विभाग में डायरेक्टर के पद पर तैनात अनुराग तिवारी करोड़ों के घोटाले का पर्दाफाश करने वाले थे। वह अनाज तस्करों की आंख के किरकिरी बन चुके थे। हो सकता है कि घोटाले के पर्दाफाश होने के डर से उनकी हत्या कर दी गई हो। कनार्टक के सीएम सिद्धरमैया ने भी यूपी के सीएम आदित्यनाथ को पत्र लिखकर केस को गंभीरता से जांच कराने की मांग की थी।
कर्नाटक सरकार ने इस मामले में अपने दो वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अभिराम जी शंकर और पंकज पांडेय अधिकारियों को लखनऊ भी भेजा है। बताया गया कि दोनों वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों ने लखनऊ में मंडलायुक्त से मुलाकात की है। उसके बाद वे अनुराग के गृहनगर बहराइच चले गए।
एसएसपी ने कहा कि मृतक आईएएस अधिकारी अनुराग तिवारी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है, इसलिये विसरा सुरक्षित रख लिया गया है। उसकी जांच कराई जायेगी। बुधवार देर रात चार डाक्टरों के पैनल ने अनुराग तिवारी का पोस्टमार्टम किया था। लेकिन रिपोर्ट में मौत की वजह साफ नहीं हो पाई है। पोस्टमार्टम करने वाले डाक्टरों की टीम ने मौत की वजह दम घुटना बताया है। विसरा और खून के नमूने चिकित्सकीय विश्लेषण के लिए सुरक्षित रख लिए गए हैं। हार्ट को भी आगे जांच के लिए सुरक्षित कर लिया गया है। सभी नमूने विशेष जांच के लिए फोरेंसिक लैब भेजे गये हैं, ताकि मौत की असल वजह का पता चल सके।