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आईएएस अधिकारी अनुराग तिवारी की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के मामले में लखनऊ पुलिस ने पांच पुलिस अधिकारियों की एसआईटी का गठन कर दिया है। इस टीम को 72 घंटे में अपनी जांच रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है। इस टीम को कहा गया है कि वह घटना के हर पहलू की गहन जांच करें और अपनी रिपोर्ट 72 घंटे में उन्हें सौंपे। एसआईटी ने अपनी जांच तेजी से शुरू कर दी है।

2000 करोड़ के घोटाले का पर्दाफाश करना चाहते थे IAS अफसर अनुराग

कर्नाटक सरकार ने इस मामले में अपने दो वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अभिराम जी शंकर और पंकज पांडेय अधिकारियों को लखनऊ भी भेजा है। बताया गया कि दोनों वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों ने लखनऊ में मंडलायुक्त से मुलाकात की है। उसके बाद वे अनुराग के गृहनगर बहराइच चले गए।

एसएसपी ने कहा कि मृतक आईएएस अधिकारी अनुराग तिवारी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है, इसलिये विसरा सुरक्षित रख लिया गया है। उसकी जांच कराई जायेगी। बुधवार देर रात चार डाक्टरों के पैनल ने अनुराग तिवारी का पोस्टमार्टम किया था। लेकिन रिपोर्ट में मौत की वजह साफ नहीं हो पाई है। पोस्टमार्टम करने वाले डाक्टरों की टीम ने मौत की वजह दम घुटना बताया है। विसरा और खून के नमूने चिकित्सकीय विश्लेषण के लिए सुरक्षित रख लिए गए हैं। हार्ट को भी आगे जांच के लिए सुरक्षित कर लिया गया है। सभी नमूने विशेष जांच के लिए फोरेंसिक लैब भेजे गये हैं, ताकि मौत की असल वजह का पता चल सके।