india and china

तो क्या अरुणाचल प्रदेश को लेकर चीन 1962 जैसा कदम उठाने की तैयारी कर रहा है। दलाई लामा के अरुणाचल प्रदेश के दौरे के बाद चीन ने अपने नक्शे में अरुणाचल प्रदेश के 6 जगहों को दिखाया है और उनके नाम भी बदल दिए हैं।

दलाई लामा के दौरे की वजह से दोनों के रिश्तों के बीच आई तल्खी के बीच चीन का यह कदम और भड़काऊ है। मगर इस बीच चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने ऐलान कर दिया कि उनकी सेना पीपुल्स ऑफ लिबरेशन ऑर्मी युद्ध के लिए तैयार है।

उन्होंने पीएलए की नई टुकड़ी 84 चार्ज मिलिट्री यूनिट के जवानों से कहा है कि वह किसी भी तरह की जंग के लिए तैयार रहें। उन्होंने अपनी सेना से कहा कि वह इलेक्ट्रॉनिक, सूचना और स्पेस युद्ध जैसे नए प्रकार की लड़ाई क्षमता को विकसित करे।

चीनी राष्ट्रपति के इस बयान के कई मायने पूरी दुनिया भर में निकाले जा रहे हैं। दूसरी ओर भारत में भी विशेषज्ञ इसे चीन की धमकी समझ रहे हैं। एक ओर जहां उत्तर कोरिया से परेशान अमेरिका ने दक्षिण कोरिया में अपने टर्मिनल हाई एल्टीट्यूड एरिया डीफेंस इंटरसेप्टर मिसाइल की तैनाती की है।

इससे चीन नाराज है। अमेरिका इस मिसाइल के जरिये चीन के समूचे इलाके के साथ-साथ चीन के मिसाइल कार्यक्रम पर भी नजर रख सकेगा। चीन को लगता है कि अमेरिका धीरे-धीरे उसके इलाके में घुसपैठ कर रहा है।

दूसरी ओर अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत की बढ़ती क्षमता को चीन बहुत बड़ा खतरा मान रहा है। उसको लगता है कि आने वाले समय में जब जमीनी युद्ध के बजाए स्पेस वार होगा, तो भारत उसके ऊपर भारी न पड़ जाए। माना जा रहा है कि चीन अपनी सेना को स्पेस वार, तकनीकी कौशल और सूचना के तकनीक स्तर पर मजबूत कर रहा है।

84 इकाइयों में बांटी जाएगी सेना

चीन की सरकारी मीडिया के अनुसार वहां की सरकार ने चीनी सेना को 84 इकाइयों में बांट कर आधुनिकीकरण की तैयारी कर रही है। जिसमें सेना को स्पेस, साइबर वार, मिसाइलों के क्षेत्र में और अधिक मजबूत बनाया जाएगा।